चंडीगढ़ में कांग्रेसी पार्षदों ने ईवी पॉलिसी, मालिकाना हक, लालडोरे, और बिल्डिंग बाइलोज पर यूटी सचिवालय का किया घेराव

चंडीगढ़ में कांग्रेसी पार्षदों ने ईवी पॉलिसी, मालिकाना हक, लालडोरे, और बिल्डिंग बाइलोज पर यूटी सचिवालय का किया घेराव

UT Secretariat Surrounded

UT Secretariat Surrounded

चंडीगढ़। UT Secretariat Surrounded: नगर निगम की हाउस की मीटिंग में मेयर सहित सभी पार्षदों ने प्रशासन द्वारा ईवी पॉलिसी जबरदस्ती थोपने व पार्षदों को पॉलिसी में ना शामिल करने व अन्य मुद्दों के खिलाफ एकजुट  होकर  जहां कांग्रेस के पार्षद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की के नेतृत्व में पहुंचे। वही  कांग्रेसी पार्षदों  का दावा है की सचिवालय के गेट पर बैठ कर उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी एसी कमरों में बैठकर तुगलकी फरमान जारी कर देते है और शहर के चुने हुए प्रतिनिधियों को ना इस बात का पता होता है ना हीं शामिल किया जाता है ये तो पार्षदों को कमजोर करने की साजिश है। शहर के विभिन्न मुद्दे है प्रशासन उस पर ध्यान ना देकर अपने फैसले जबरदस्ती थोप रहा है। फेस्टिवल सीजन में फ्यूल बेस्ड गाड़ियों को बैन करना उस से जुड़े छे हजार के करीब काम करने वाले कर्मचारियों की रोजी रोटी छीनी जा रही है। प्रशासन ये तुगलकी फरमान वापिस ले और फ्यूल बेस्ड गाड़ियों के कारोबारियों को राहत दे। आज कलोनीवासियों के मालिकाना हक पर प्रशासन कोई भी पॉलिसी नही बना रहा है।

कालोनी वासियों को मकान मिले लगभग पचास साल हो गए है लेकिन अभी तक उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला है। तीन पीढियां तब से रहा रही है लेकिन अभी तक उनका अपना घर नही बन पाया है। हमेशा कालोनीवासियों को नोटिस और मकान सील का डर सताता रहता है जल्द ही मालिकाना हक मिलना चाहिए। इसी तरह गांवों के लाल डोरे के बाहर बने मकानो में मूल भूत सुविधाएं मिलनी चाहिए और लाल डोरे के बाहर बने मकानो को प्रशासन जल्द रेगुलाइज करें। आज लोगों ने जो अपने मकानों में जरूरत के हिसाब से बदलाव किए है उसे भी जल्द रागुलाइज करें चाहे वो हाउसिंग के अधीन आने वाले मकान हो या इस्टेट ऑफिस ताकि जो पेनल्टी, नोटिस या सील होने का भय जो शहर वासियों में उस से छुटकारा मिल सके। धरने पर सभी पार्टी के पार्षदों ने पहुंचना था लेकिन बीजेपी के पार्षद ही मेयर के इस धरने का बायकॉट कर गए। बीजेपी पर अध्यक्ष लक्की हमलावर होते हुए कहा कि मेयर की उसकी ही पार्टी के पार्षद नही सुनते तो ऑफिसर क्या सुनेगे। बीजेपी की कथनी और करनी में ये ही फर्क है आज फिर साबित हो गया। शहर की जनता की हक की आवाज कांग्रेस हमेशा उठाती रहेगी। जबकि इस मामले पर सता पक्ष  के पार्षदों ने आज भाग नही लिया । भाजपा   ने यह कह कर मामला टाला की प्रशासक बहार है दो दिन बाद धरना देंगें।

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