Congress and AAP councilors came to protest on EV policy and other issues

चंडीगढ़ में ईवी पॉलिसी को लेकर भाजपा में खुलकर नजर आई गुटबाजी, सूद बोले प्रशासक ने पहले ही रिव्यू करने का कहा था

Factionalism clearly visible in BJP regarding EV policy in Chandigarh

Factionalism clearly visible in BJP regarding EV policy in Chandigarh

Congress and AAP councilors came to protest on EV policy and other issues- चंडीगढ़। इलेक्ट्रिक वाहन पालिसी को लेकर शहर में आज भाजपा-कांग्रेस व आप में जमकर राजनीति की गई। जहां पर मेयर अनूप गुप्ता बुधवार को अकेले पड़ गए वहीं पर भाजपा इस धरने को लेकर खुलकर गुटबाजी भी नजर आई। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर पल्ला झाड़ते हुए यहां तक कह दिया कि महापौर ने खुद ही पहुंचकर अपनी फजीहत करवाई है। जानकारी के अनुसार बुधवार को इस धरने में महापौर के अलावा उन्हीं की पार्टी के पार्षद सचिवालय के बाहर धरना देने नहीं पहुंचे। मेयर ने मंगलवार को नगर निगम की मीटिंग के दौरान घोषणा की थी कि वह ईवी पॉलिसी के विरोध में बुधवार को सचिवालय के बाहर भाजपा व अन्य विपक्षी पार्षदों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। मेयर अनूप गुप्ता को उस वक्त फजीहत झेलनी पड़ी जब उन्हें भाजपा के ही पार्षदों का साथ नहीं मिल पाया और एक भी पार्षद प्रदर्शन के लिये सचिवालय के बाहर नहीं पहुंचा हालांकि कांग्रेस और आप के पार्षद जरूर तय कार्यक्रम के अनुसार पहुंच गये। भाजपा के अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा है कि प्रदर्शन करने का सवाल ही नहीं जब प्रशासन ने ईवी पालिसी को ही रिव्यू कर दिया। 
    हम तो केवल इतना चाहते थे कि जहां की पार्किंगों में ईवी स्टेशन लगने हैं वहां की मार्केट कमेटियों या अन्य स्टेकहोल्डरों को ऐसा करने से पहले फैसलों में शामिल किया जाए। यहां बता दें कि भाजपा की प्री हाऊस मीटिंग में फैसला यह लिया गया था कि एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव प्रशासन के सामने रखा जाएगा जिसकी सहमति से मसले पर फैसला हो। भाजपा से जुड़े सूत्रों के अनुसार मेयर अनूप गुप्ता भावनाओं में बह गये क्योंकि वह भाजपा के भी और दूसरी तरफ ऑटोमोबाइल संस्था के भी मेंबर हैं। उन्हें कहीं न कहीं अपने खुद के व ऑटोमोबाइल संस्थाओं के हित भी नजर आ रहे हैं।

प्रशासक ने पहले ही रिव्यू करने को कह दिया था: सूद

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा है कि वह देवेंद्र सिंह बबला, मनु भसीन समेत अन्य तीन अन्य स्थानीय नेताओं के साथ प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से मिले थे जिन्होंने उसी वक्त ईवी पालिसी रिव्यू करने का एडवाइजर को आदेश दिया था। प्रशासन ने बुधवार को इसे रिव्यू भी कर दिया।

कांग्रेसी पार्षदों की सचिवालय के बाहर पुलिस से झड़प

मंगलवार को नगर निगम की हाउस की मीटिंग में मेयर सहित सभी पार्षदों का प्रशासन द्वारा ईवी पॉलिसी जबरदस्ती थोपने व पार्षदों को पॉलिसी में ना शामिल करने व अन्य मुद्दों के खिलाफ एकजुट से मेयर के नेतृत्व में यूटी सचिवालय के घेराव का फैसला हुआ था उस पर बुधवार को कांग्रेस के पार्षद प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की के नेतृत्व में पहुंचे।

कांग्रेसी पार्षदों ने सचिवालय के गेट पर बैठ कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांगे्रस चंडीगढ़ प्रधान अध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने कहा कि प्रशासन के अधिकारी एसी कमरों में बैठकर तुगलकी फरमान जारी कर देते हैं और शहर के चुने हुए प्रतिनिधियों को ना इस बात का पता होता है ना ही शामिल किया जाता है। ये तो पार्षदों को कमजोर करने की साजिश है। शहर के विभिन्न मुद्दे हैं प्रशासन उन पर ध्यान ना देकर अपने फैसले जबरदस्ती थोप रहा है। फेस्टिवल सीजन में फ्यूल बेस्ड गाडिय़ों को बैन करना उससे जुड़े 6 हजार के करीब काम करने वाले कर्मचारियों की रोजी रोटी छीनी जा रही है। प्रशासन ये तुगलकी फरमान वापिस ले और फ्यूल बेस्ड गाडिय़ों के कारोबारियों को राहत दे। आज कालोनीवासियों के मालिकाना हक पर प्रशासन कोई भी पॉलिसी नही बना रहा है। 

कालोनी वासियों को मकान मिले लगभग पचास साल हो गए है लेकिन अभी तक उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला है। तीन पीढियां तब से रह रही हैं, लेकिन अभी तक उनका अपना घर नहीं बन पाया है। हमेशा कालोनीवासियों को नोटिस और मकान सील का डर सताता रहता है जल्द ही मालिकाना हक मिलना चाहिए।

लाल डोरे के बाहर बने मकानों को भी मिलें मूलभूत सुविधाएं

इसी तरह गांवों के लाल डोरे के बाहर बने मकानों में मूल भूत सुविधाएं मिलनी चाहिए और लाल डोरे के बाहर बने मकानो को प्रशासन जल्द रेगुलाइज करें। आज लोगों ने जो अपने मकानों में जरूरत के हिसाब से बदलाव किए है उसे भी जल्द रागुलाइज करें चाहे वो हाउसिंग के अधीन आने वाले मकान हो या इस्टेट ऑफिस ताकि जो पेनल्टी, नोटिस या सील होने का भय जो शहर वासियों में उस से छुटकारा मिल सके। धरने पर सभी पार्टी के पार्षदों ने पहुंचना था लेकिन बीजेपी के पार्षद ही मेयर के इस धरने का बायकॉट कर गए। बीजेपी पर अध्यक्ष लक्की हमलावर होते हुए कहा कि मेयर की उसकी ही पार्टी के पार्षद नही सुनते तो ऑफिसर क्या सुनेगे। बीजेपी की कथनी और करनी में ये ही फर्क है आज फिर साबित हो गया। शहर की जनता की हक की आवाज कांग्रेस हमेशा उठाती रहेगी।

आप नेता प्रदीप छाबड़ा व पार्षदों ने भाजपा को लिया आड़े हाथ, बोले शेर की तरह दहाडऩे वाले गीदड़ की तरह भागे 

आप नेता प्रदीप छाबड़ा व आम आदमी पार्टी की पार्षद प्रेमलता एवं अन्य पार्षदों दमनप्रीत, प्रेमलता, रामचन्द्र यादव,अंजू कटयाल,कुलदीप ढोलहर, नेहा, सुमन, जसविंदर, पूनम ने मेयर को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मेयर व भाजपा चंडीगढ़ की जनता को गुमराह कर रहे है। कल हाउस मीटिंग में एडवाइजर के खिलाफ धरना देने की प्लानिंग करने वाले मेयर ने सभी पार्टी के पार्षदो से सहयोग मांगा था, लेकिन आज उन्हीं की पार्टी के पार्षद धरने में शामिल नहीं हुए। 

प्रेमलता ने बताया कि सभी ने मेयर की बात का समर्थन कर धरने में शामिल होने के लिए पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर चंडीगढ़ के लोगो के हितों की रक्षा के लिये हामी भरी। प्रेमलता ने कहा कि ऐसा रातो रातो क्या हुआ कि सुबह मेयर धरना देने से भाग गया। क्या भाजपा का दबाव है