Change in behavior comes only after attaining Brahmagyan

ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के बाद ही व्यवहार में आता बदलाव

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Change in behavior comes only after attaining Brahmagyan

चंडीगढ़।  महिला समागमों को शुरू करने के पीछे यही उद्देश्य है कि औरत ही समाज की धुरी है जिसके ईदर्गिद समाज चलता है। निरंकारी मिशन में भी महिलाओं का योगदान किसी से छिपा नहीं है। यह उद्गार नेहा सुखीजा जी, पटियाला ने स्थानीय सन्त निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर-30 में आयोजित चडीगढ जोऩ के महिला समागम में कहे।  

उन्होंने सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज जी का संदेश देते हुए कहा कि महिला समागमों की यह कड़ी देशभर के कोने में चल रही है। उन्होंने कहा कि जगत माता बुदवंती जी, राजमाता कुलवंत कौर जी, माता सविन्द्र जी व वर्तमान में स्वयं सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज, सभी अपनी गृहस्थ जीवन में रहकर भक्ति को कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम समाज में सेवाएं दे रहे है, वैसे ही  मिशन का प्रचार करना है । इसके साथ साथ हमने अपने घरों को कैसे संवारना है, इस पर ध्यान देना है। क्योंकि हम दुनिया को, समाज को व आसपास को तभी संवार सकेंगे जब हमारा घर संवरा होगा।

हरदेव वाणी के शब्द में भी बाबा हरदेव सिंह जी समझा रहे हैं कि अगर रिश्तों में मजबूती होगी तो घर स्वर्ग बनेंगा। घर तभी स्वर्ग का स्वरूप बनता है जब समय के सत्गुरू से ब्रहमज्ञान प्राप्त होने के बाद हमारे स्वभाव व व्यवहार में तबदीली आ जाती है। जैसे जैसे जीवन में सत्संग, सेवा व सिमरन आता जाता है वैसे वैसे ही व्यवहार में भी परिवर्तन आने लग जाता है जिससे घर स्वर्ग का नक्शा बन जाता है।

चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज ओ0पी0निरंकारी व चंडीगढ़ के संयोजक ने बहन नेहा सुखीजा व जोन से आई महिलाओं व साध संगत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि घर व संगत में महिला की अहम भूमिका है। महिलाओं के योगदान के कारण ही परिवार में भक्ति प्रवाह निर्विघ्न चलता है।

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