भागवत कथा में छप्पन भोग और गोवर्धन पूजा का महत्व बताया

The Importance of Chhappan Bhog and Govardhan Puja
नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे
चंडीगढ़: The Importance of Chhappan Bhog and Govardhan Puja: प्राचीन शिव मन्दिर सभा (रजि.) सैक्टर 23-डी, चण्डीगढ़ द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा मे कथा व्यास श्री श्याम बिहारी शास्त्री (वृन्दावन वाले) अपनी अमृतमयी वाणी से कथा में कृष्ण भगवान का जन्म उत्सव संगीतमय भजनों द्वारा मनाया गया और भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओं का प्रसंग सुनाया। इस अवसर पर व्यासजी ने कृष्ण भगवान के जन्मोत्सव, उनके नामकरण और पूतना वध के साथ माखनचोरी की लीलाओं का वर्णन किया
"नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे",,
जिसे सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कथा व्यास ने बताया कि भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया कथा व्यास ने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रजमंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला का वर्णन एवं गोवर्धन पूजन का उत्सव मनाया इस अवसर ट्राई सिटी के भगतो ने कथा और संगीतमय भजनों का आनन्द लिया इस अवसर समस्त मंदिर कमेटी एवम महिला संकीर्तन मण्डल के सभी सदस्य उपस्थित रहे