Chandigarh Administration's Action

Chandigarh Administration's Action: चंडीगढ़ में अब छोटे दुकानदारों पर प्रशासन का शिकंजा, देखें क्या होगी कार्रवाई

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चंडीगढ़ में फूड बिजनेस व्यापारियों का कारनामा, बिना जीएसटी हो रही खरीद-फरोख्त

Chandigarh Administration's Action- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। फूड बिजनेस से जुड़े व्यापारी (Administration) प्रशासन को न केवल (GST) जीएसटी का चूना लगा रहे हैं बल्कि उपभोक्ताओं को (all standard items) सब स्टैंडर्ड आइटमें भी बेच रहे हैं। (commissioner of food safety office) कमिशनर ऑफ फूड सेफ्टी ऑफिस के (Food Inspector) फूड इंस्पेक्टरों ने (inspection) इंस्पेक्शन और (Sampling) सैंपलिंग के दौरान जब इन व्यापारियों से विभिन्न आइटमों की (Sale & Purchage) सेल व परचेज के बिल मांगे तो वह बिल नहीं दिखा पाए।

(health secretary) स्वास्थ्य सचिव व (Food Safety Department) फूड सेफ्टी विभाग के (Commissioner) कमिशनर ने आदेश दिया है कि 1 अप्रैल 2022 से जिन भी व्यापारियों की (Food safety department) दुकानें फूड सेफ्टी विभाग ने चैक करी हैं और जो सेल व परचेज के बिल नहीं दिखा पाए, उनकी जानकारी विभाग अगले 15 दिन में जीएसटी विभाग के साथ सांझा करे ताकि (GST) जीएसटी चोरों पर सख्त कार्रवाई हो सके। इनके पास मौजूद ब्रांडेड आइटमों के लेबल पर दिये ब्यौरे के हिसाब से (Manufacturer) मनुफेक्चरर व (Distributor) डिस्ट्रीब्यूटर को भी पार्टी बनाया जाएगा।

अगर कहीं (food safety and standards act) फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 का उल्लंघन होता है तो इन मनुफेक्चरर व डिस्ट्रीब्यूटरों पर भी कार्रवाई होगी। अगर (manufacturer or distributor) मनुफेक्चरर या डिस्ट्रीब्यूटर इस आइटम से खुद को अलग करते हैं तो (retailer, vendor or store owner) रिटेलर, वैंडर या स्टोर मालिक पर फेक आइटम बेचने की कार्रवाई होगी। बिना बिल के जो   भी आइटमें बेची जा रही हैं उन व्यापारियों का नाम व अन्य ब्यौरा तुरंत जीएसटी विभाग के साथ सांझा किया जाएगा ताकि जीएसटी एक्ट के तहत जांच हो सके कि इन्होंने कितना चूना जीएसटी बचा कर प्रशासन को लगाया है और कब से उनका यह खेल चल रहा था।

Chandigarh Administration's Action- तीन महीने से हो रही चैकिंग, व्यापारी नहीं दे पा रहे बिल

बीते तीन महीनों में ऐसे (shopkeeper) व्यापारियों की दुकानदारों पर (Checking) चैकिंग की गई थी। चैकिंग के दौरान जब (retailer, vendor or store owner) रिटेलरों, वैंडरों व स्टोर मालिकों से परचेज बिल मांगे गए तो व्यापारी प्रस्तुत नहीं कर पाये हालांकि यहां ब्रांडेड आइटम बेचे जा रहे थे। ये सभी दुकानदार (GST) जीएसटी एक्ट के अंडर रजिस्टर्ड हैं। बिना बिल के ये किसी भी आइटम की (sale and purchase) सेल व परचेज नहीं कर सकते। फूड सेफ्टी विभाग ने ऐेसे व्यापारियों पर शिकंजा कसने के लिए रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस रीन्यूअल के दौरान (GST registration) जीएसटी रजिस्ट्रेशन स्टेट्स लेने का फैसला लिया है। विभाग (Inspection and Sampling) इंस्सपेक्शन व सैंपलिंग के दौरान जीएसटी एक्ट के तहत सीलिंग मीमो व रजिस्ट्रेशन स्टेट्स देखेगा।

Chandigarh Administration's Action- सोची समझी रणनीति के तहत ऐसा हो रहा

(Food safety officer) फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अफसरों ने (Secretary Health and Commissioner Food Safety Yashpal Garg) सेक्रेट्री हेल्थ व कमिशनर फूड सेफ्टी यशपाल गर्ग को यह जानकारी दी। मिली जानकारी के मुताबिक न केवल (GST) जीएसटी बचाने के उद्देश्य से बल्कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 के तहत कार्रवाई से बचने की एक सोची समझी रणनीति के तहत व्यापारी ऐसा कर रहे हैं। अफसरों ने बताया कि इसके पीछे व्यापारियों का उद्देश्य ब्रांडेड आइटमों के (Manufacturer and Distributor) मनुफेक्चरर व डिस्ट्रीब्यूटर को बचाना है। अगर ब्रांडेड आइटम सब स्टैंडर्ड क्वालिटी की या खान पीने में असुरक्षित पाई जाती है तो मनुफेक्चरर और डिस्ट्रीब्यूटर जो इस ब्रांडेड आइटम को बेच रहा है पर भी कार्रवाई की जाती है। (Union Ministry of Health and Family Welfare) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं फैमिली वेलफेयर मंत्रालय की 18 जनवरी 2017 की नोटीफिकेशन के अनुरूप उस खराब व सब स्टैंडर्ड आइटम को तुरंत सभी दुकानों से उठाना अनिवार्य है ताकि ये आगे न बेची जा सकें।

 

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