BJP candidates of Haryana, Punjab and Himachal declared, decision of Chandigarh reached Modi court
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हरियाणा, पंजाब व हिमाचल के भाजपा प्रत्याशी घोषित, चंडीगढ़ का फैसला पहुंचा मोदी दरबार

BJP candidates of Haryana, Punjab and Himachal declared, decision of Chandigarh reached Modi court

BJP candidates of Haryana, Punjab and Himachal declared, decision of Chandigarh reached Modi court

BJP candidates of Haryana, Punjab and Himachal declared, decision of Chandigarh reached Modi court- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। लोकसभा में पहले चरण का मतदान उत्तराखंड समेत कई अन्य राज्यों की कुछ सीटों पर 19 अपै्रल को होना है। जबकि भाजपा हाईकमान हरियाणा, पंजाब व हिमाचल के प्रत्यशियों की घोषणा कर चुका है, वहीं पर चंडीगढ़ लोकसभा सीट के लिये अभी  तक न तो भाजपा और न ही कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है।

दोनों पार्टियों के हाईकमान पशोपेश में पड़े हैं कि इस हॉट सीट से किसे चुनाव के मैदान में उतारा जाए। कांग्रेस ने यहां का प्रत्याशी फाइनल करने के लिये राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के हाथ में फैसला छोड़ दिया है, वहीं भाजपा हाईकमान ने भी इस सीट से प्रत्याशी फाइनल करने की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में दे दी है।

सूत्र इसके बारे में खुलासा कर रहे हैं कि प्रत्याशी के लिये चल रही जद्दोजहद और आंतरिक गुटबाजी के चलते फैसला ऊपर के स्तर पर छोड़ दिया गया है। भाजपा सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस सीट के प्रत्याशी व नामांकन इत्यादि को लेकर  बातचीत की गई तो बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस सीट के लिये प्रत्याशी को लेकर चर्चा कर रहे हैं और वहीं से फाइनल प्रत्याशी बताया जाएगा।

यानि भाजपा की इलेक्शन कमेटी इस सीट पर प्रत्याशी फाइनल नहीं कर पा रही है। प्रधानमंत्री के टाइट शिड्यूल के चलते फिलहाल यह तय नहीं है कि इस सीट के लिये प्रत्याशी तय करने को प्रधानमंत्री से चर्चा किस दिन होगी। बताया जा रहा है कि मीटिंग में गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल रहेंगे।

कांग्रेस भी नहीं ले पा रही निर्णय

चंडीगढ़ की सीट इसलिये भी हॉट है क्योंकि यहां से कांग्रेस और आप ने सांझे तौर पर प्रत्याशी उतारा है। प्रत्याशी की अभी घोषणा नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि पवन बंसल ही यहां से कांग्रेस व आप के गठबंधन के प्रत्याशी होंगे। कांग्रेस से भी पवन बंसल के अलावा मनीष तिवारी और चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लक्की दावेदारी जता रहे हैं। वहां भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के सुपुर्द फैसला छोड़ा गया है। हालांकि चंडीगढ़ में आखिरी चरण यानि 1 जून को चुनाव हैं लेकिन फिर भी दोनों पार्टियों का चुनाव प्रचार प्रत्याशी के बगैर शुरू नहीं हो पाया है।

लोकल कैंडीडेट चाहता है स्थानीय भाजपा नेतृत्व

भाजपा में जबरदस्त आंतरिक खेमेबाजी भी है। यह दलील दी जा रही है कि एक तो जो कैंडीडेट उतारा जाये वह लोकल हो, दूसरा नया कैंडीडेट हो। भाजपा उच्चकमान पशोपेश में है कि यहां से किसे प्रत्याशी बनाया जाए। वरिष्ठ भाजपा नेता व चंडीगढ़ से पूर्व पार्टी अध्यक्ष  और हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी संजय टंडन के अलावा एडीशनल सॉलीसिटर जनरल सत्यपाल जैन और चंडीगढ़ के पूर्व भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद सहित कुछ अन्य स्थानीय नेता भी टिकट की दौड़ में हैं। यही वजह है कि प्रत्याशी फाइनल करने का फैसला प्रधानमंत्री पर छोड़ दिया गया है। भाजपा की लोकल लीडरशिप भी चाहती है कि स्थानीय कैंडीडेट को ही चुनाव में उतारा जाए लेकिन आंतरिक गुटबाजी से यह हवा भी मिल रही है कि प्रत्याशी बाहर से ही उतारा जाएगा। पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनावत को यहां से उतारने की चर्चाएं थी लेकिन उन्हें हिमाचल प्रदेश के मंडी से टिकट दे दिया गया। दो क्रिकेटरों को भी टिकट का न्यौता दिया गया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

मेयर चुनाव में लगा था भाजपा को झटका

चंडीगढ़ में भाजपा की साख को मेयर इलेक्शन के दौरान जबरदस्त झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद न केवल भाजपा की ओर से नियुक्त किये गए चुनाव अधिकारी अनिल मसीह पर धांधली के आरोप सही पाये गये बल्कि मेयर भी आम आदमी पार्टी का घोषित कर दिया गया। कैमरे पर अनिल मसीह वोटों में हेरफेर करते दिखे। बाद में सुप्रीम कोर्ट में आदेश के बाद बैलेट पेपर प्रस्तुत करने पड़े। पाया गया कि ये वोट आप और कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप कुमार की फेवर में पड़ी थी। भाजपा की पूरे मामले में जबरदस्त फजीहत हुई थी। इसको लेकर भाजपा के नेताओं ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली थी।