चंद्रयान-3 का सफल प्रयास

"चंद्रयान-3 की सफल प्रयास: चंद्रमा की सतह पर भूकंप गतिविधियों के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान"

चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 का सफल प्रयास

पहली कोशिश में नाकामी

हम सभी याद करते हैं कि 2019 में हमारे चंद्रयान-2 का प्रयास चंद्रमा पर लैंडिंग करने का नाकाम रहा था। यह एक बड़ी हार थी, लेकिन हार से हार नहीं मानी गई।

दूसरी कोशिश और सफलता

फिर आई चंद्रयान-3 की कहानी, जिसमें हमारे वैज्ञानिकों ने एक नया प्रयास किया। उन्होंने विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर दोबारा लैंड कराने का काम किया। इसके लिए उन्होंने जंप टेस्ट का आयोजन किया, जिसमें लैंडर को 40 सेमी ऊपर उठाया और 30 से 40 सेमी की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया। इस प्रयास ने हमें एक नई उम्मीद दिलाई कि हम एक दिन चंद्रमा पर मानव मिशन को सफलता से पूरा कर सकते हैं।

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रोवर का महत्व

चंद्रयान-3 मिशन में एक और महत्वपूर्ण कदम था - प्रज्ञान रोवर का लॉन्च। यह रोवर चंद्रमा की सतह पर विभिन्न अनुसंधान कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसका वजन 26 किलो है। रोवर का महत्वपूर्ण काम है चंद्रमा पर अनुसंधान करना और जानकारी जुटाना।

1. रफ ब्रेकिंग फेज

इस फेज में लैंडर चंद्रमा की सतह के कुछ किलोमीटर ऊपर था। यहां पर विक्रम लैंडर के सेंसर्स कैलिब्रेट किए गए और इसे हॉरिजॉन्टल पोजिशन में ला दिया गया।

2. ऐटीट्यूड होल्डिंग फेज

इस फेज में विक्रम ने चंद्रमा की सतह की फोटो खींची और पहले से मौजूद फोटोज के साथ कंपेयर किया। इस फेज के दौरान विक्रम लैंडर की ऊंचाई को कम किया गया और इसे चंद्रमा की सतह के बहुत करीब ले जाया गया।

3. फाइन ब्रेकिंग फेज

इस फेज में लैंडर की स्पीड को शून्य किया गया और यह पूरी तरह से वर्टिकल पोजिशन में लाया गया। सतह से विक्रम लैंडर की ऊंचाई को करीब 1 किलोमीटर तक कम किया गया।

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ILSA पेलोड का महत्व

चंद्रयान-3 मिशन में ILSA पेलोड का बहुत महत्वपूर्ण भूमिका था। ILSA, यानि Indian Lunar Seismic Activity Payload, चंद्रमा की भूकंप गतिविधियों का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इससे हमें चंद्रमा की भूकंप गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है, जो भविष्य के मानव मिशनों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

भारतीय जीवन डिटेक्टर (BILS) प्रोजेक्ट

BILS प्रोजेक्ट, जिसका पूरा नाम "Bhāratīya Jīvana Detector for Lunar Surface" है, चंद्रयान-3 में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करेगा। इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर जीवन के संकेतों का पता लगाना है।

चंद्रयान-3 का सफल प्रयास भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें हमारे वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष एजेंसी के कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान है, और यह हमारे देश की गरिमा बढ़ाता है। चंद्रयान-3 से हम चंद्रमा पर और अधिक अनुसंधान कर सकेंगे और वहां के भूकंप गतिविधियों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जिससे भविष्य के मानव मिशनों के लिए सहायक हो सकता है।