बांग्लादेश में फिर मची उथल-पुथल, दरकने लगी यूनुस की कुर्सी, एक इस्तीफे ने कैसे लाया भूचाल?

बांग्लादेश में फिर मची उथल-पुथल, दरकने लगी यूनुस की कुर्सी, एक इस्तीफे ने कैसे लाया भूचाल?

Khuda Baksh Chowdhury Resigns

Khuda Baksh Chowdhury Resigns

ढाका: Khuda Baksh Chowdhury Resigns: जुलाई विद्रोह में एक जाने-माने व्यक्ति की हत्या के बाद देश भर में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के मुख्य सलाहकार खुदा बख्श चौधरी के विशेष सहायक उस्मान हादी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. डेली स्टार ने यह जानकारी दी.

डेली स्टार के अनुसार बुधवार को जारी एक गजट नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए बांग्लादेशी राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और यह तुरंत लागू हो गया है. नोटिफिकेशन पर बांग्लादेश के कैबिनेट सेक्रेटरी शेख अब्दुर राशिद ने साइन किया है और इसे राष्ट्रपति के आदेश के तहत जारी किया गया है.

चीफ एडवाइजर के प्रेस विंग ने इसकी पुष्टि की, हालांकि चौधरी के इस्तीफे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. खुदा बख्श चौधरी पहले इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (IGP) थे. उन्हें 10 नवंबर, 2024 को चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस का स्पेशल असिस्टेंट नियुक्त किया गया था.

उनका इस्तीफा कोई हैरानी की बात नहीं हो सकती है, क्योंकि इंकलाब मंच ने उनसे अपने पद से हटने की मांग की थी. पिछले साल जुलाई के विद्रोह के दौरान बना एक सामूहिक सांस्कृतिक आंदोलन था. इसमें हादी ने भी हिस्सा लिया था. शनिवार को इंकलाब मंच के संयोजक उस्मान हादी के अंतिम संस्कार के बाद संगठन ने बांग्लादेश के होम अफेयर्स एडवाइजर, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जहांगीर आलम चौधरी और होम मिनिस्ट्री में चीफ एडवाइजर के स्पेशल असिस्टेंट, बख्श चौधरी से हादी के कातिलों की गिरफ्तारी की प्रगति पर एक रिपोर्ट देने की मांग की. साथ ही चेतावनी दी कि जवाब न देने पर उन्हें इस्तीफा देना होगा.

प्रोथोम अलो के अनुसार इंकलाब मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने शनिवार को सरकारी अधिकारियों को एक अल्टीमेटम जारी किया. अपने भाषण में अल जाबेर ने दो मांगें रखी. उन्होंने होम अफेयर्स एडवाइजर और असिस्टेंट एडवाइजर से पिछले हफ्ते हादी की हत्याओं पर हुई प्रगति के बारे में पब्लिक में रिपोर्ट देने को कहा और चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के अंदर कोई जवाब नहीं मिलता है तो उन्हें इस्तीफा देना होगा.

उन्होंने अधिकारियों से सिविल और मिलिट्री इंटेलिजेंस एजेंसियों में छिपे अवामी आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की भी अपील की, जैसा कि प्रोथोम एलो ने बताया. इंकलाब मंच के संयोजक शरीफ उस्मान हादी पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के पीछे के जाने-माने लोगों में से एक थे. उन्हें पिछले गुरुवार को मृत घोषित कर दिया गया. 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में रिक्शा में जाते समय उन्हें बहुत पास से गोली मार दी गई थी.

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के हवाले से दो हमलावर मोटरसाइकिल पर आए गोलियां चलाई और मौके से भाग गए. गंभीर रूप से घायल हादी को पहले ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ले जाया गया और बाद में एवरकेयर हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया, जहाँ उन्हें इंटेंसिव केयर में रखा गया. 15 दिसंबर को हादी को एडवांस इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया, जहाँ बाद में उनकी चोटों की वजह से मौत हो गई.

उनकी मौत के बाद राजधानी ढाका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और आज विरोध प्रदर्शनों की एक नई लहर शुरू हो गई जब कार्यकर्ता मारे गए नेता के लिए न्याय की मांग करने के लिए ढाका के शाहबाग चौराहे पर इकट्ठा हुए. हादी को फरवरी 2026 के राष्ट्रीय चुनाव के लिए ढाका-8 के संभावित उम्मीदवार के रूप में भी देखा जा रहा था.