हरियाणा में शारीरिक शिक्षा सहायक की नियुक्तियों पर रोक जारी

हरियाणा में शारीरिक शिक्षा सहायक की नियुक्तियों पर रोक जारी

हरियाणा में शारीरिक शिक्षा सहायक की नियुक्तियों पर रोक जारी

हरियाणा में शारीरिक शिक्षा सहायक की नियुक्तियों पर रोक जारी

हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से मांगा जवाब

चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से संविदा के आधार पर तैनात दो हजार शारीरिक शिक्षा सहायक की नियुक्ति पर रोक का आदेश जारी रखते हुए सरकार से जवाब तलब किया है। जस्टिस एच.एस.सेठी ने सरकार को जवाब दायर कर यह स्पष्ट करने का आदेश दिया। 
हाईकोर्ट ने यह आदेश सतबीर सिंह व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। बहस के दौरान बेंच को बताया कि शारीरिक प्रशिक्षण निर्देश (पीटीआइ) के 1983 पदों को भरने के 2006 में एक विज्ञापन जारी किया गया था और आयोग द्वारा वर्ष 2010 परिणाम घोषित कर नियुक्ति दी गई थी।
इस भर्ती को भ्रष्टाचार आधार पर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने इस भर्ती को रद कर दिया व सुप्रीम कोर्ट ने नई सिरे से भर्ती आयोजित करने का आदेश दिया। 
हाईकोर्ट ने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत संविदा के आधार पर भर्ती करने का मकसद क्या है। इस भर्ती को करने की क्यों आवश्यकता पड़ी जब पहले ही पीटीआई टीचर काम कर रहे हैं। कोर्ट ने पूछा कि जब विभाग ने पोस्ट ही खत्म कर दी थी तो क्यों नियुक्त किया जा रहा है। इनका क्या काम होगा। इसी के साथ कोर्ट ने इस भर्ती पर लगी रोक के अंतरिम आदेश को जारी रखा है।
कोर्ट के आदेश पर मई 2020 में दोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई,लेकिन हटाए गए 1983 में से काफी पीटीआई का चयन नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने नियुक्ति पाने के लिए सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दया। इसके बाद सरकार ने हटाए गए पीटीआई टीचरों को स्कूलों में शारीरिक शिक्षा सहायक के पद पर नियुक्ति देने की योजना बनाई।
इसके लिए सरकार ने 22 मार्च 2022 को एक आदेश जारी कर हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत संविदा के आधार पर 2000 शारीरिक शिक्षा सहायक की नियुक्ति करने का निर्णय लिया। इसके लिए इच्छुक उम्मीदवार को वेब पोर्टल खोलकर शारीरिक शिक्षा सहायक के पद के लिए आवेदन करना था, लेकिन अन्य उम्मीदवार जो जो हटाए गए पीटीआइ नहीं थे उनका आनलाइन आवेदन करने पर उनका कोई जवाब नहीं मिल रहा था। केवल हटाए गए पीटीआइ के ही आवेदन स्वीकार किया जा रहे हैं।