लोकसभा व विधानसभा में जनसंख्या के अनुपात पर पिछड़ा वर्ग को मिले प्रतिनिधित्व : रामनिवास घोड़ेला

लोकसभा व विधानसभा में जनसंख्या के अनुपात पर पिछड़ा वर्ग को मिले प्रतिनिधित्व : रामनिवास घोड़ेला

Backward classes should get representation in Lok Sabha

Backward classes should get representation in Lok Sabha

र्व विधायक ने संसद में पिछड़ा वर्ग की आवाज उठाने पर सांसद दीपेंद्र का जताया आभार 

चंडीगढ़। कांग्रेस चुनाव प्लानिंग कमेटी के सदस्य एवं बरवाला से पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने विधानसभा और लोकसभाओं में पिछड़ा वर्ग को जनंसख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा द्वारा देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में पिछड़ा वर्ग को जनसंख्या अनुपात में प्रतिनिधित्व देने की आवाज उठाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग बहुसंख्यक आबादी है, लेकिन लोकसभा और विधानसभा में इन्हें प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है, जबकि ऐसे प्रदेश के साथ देश में कई जगह लोकसभा व विधानसभा में पिछड़ा वर्ग की आबादी ज्यादा है। इसमें हरियाणा का बीसी-ए वर्ग है जो अधिकतर भूमिहीन पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में है और हुनरमंद व मेहनतकश वर्ग के रूप में जाना जाता है। देश-प्रदेश के निर्माण में इस वर्ग की अति-महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है।

पारंपरिक शिल्पकार, दस्तकार, कलाकार आदि इस वर्ग में जांगड़ा समाज, प्रजापति कुम्हार समाज, विश्वकर्मा समाज, पांचाल समाज, स्वर्णकार सोनी समाज, सैन समाज, कश्यप समाज, पाल गड़रिया समाज, जोगी समाज, तेली समाज, धोबी समाज, कम्बोज समाज, धीमान समाज, छिम्पा समाज, बैरागी समाज, रोहिल्ला समाज, मनियार समाज आदि वर्ग आते हैं। इस बहुसंख्यक वर्ग को उतना प्रतिनिधित्व नहीं मिलता, जितनी पूरे देश-प्रदेश में इनकी जनसंख्या है। उनकी सरकार से मांग है कि नये परिसीमन के बाद पूरे देश व प्रदेशों में जो सीटें बढ़ेंगी, उसमें ऐसी व्यवस्था बने कि बीसी-ए वर्ग के लिए या तो कुछ सीटें निर्धारित की जाएं या किसी और व्यवस्था से ये सुनिश्चित किया जाए कि इन्हें भी विधानसभाओं, लोकसभाओं में इनकी जातिगत जनसंख्या के अनुसार पूरा प्रतिनिधित्व मिले। 

 घोड़ेला ने मांग कि  नए परिसीमन के पहले जातिगत जनगणना करानी बेहद जरूरी है। ताकि उसी के आधार पर बीसी-ए वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित की जा सकें और लोकतांत्रिक व्यवस्था में अति पिछड़ा वर्ग (बीसी-ए) की राजनैतिक सहभागिता बढ़ सके। उन्होंने सरकार से मांग रखी कि परिसीमन के बाद लोकसभा, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में जातिगत जनगणना के आधार पर अति पिछड़े वर्ग (बीसीए) को राजनैतिक प्रतिनिधित्व देने के लिए जरूरी है कि एससी/एसटी की तर्ज पर उनके लिए भी कुछ विधानसभा, लोकसभा सीटें आरक्षित की जाएं।

पूर्व विधायक ने संसद में पिछड़ा वर्ग की आवाज उठाने पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा का आभार जताया, साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का भी आभार जताया, जिन्होंने सरकार बनने पर पिछड़ा वर्ग में क्रीमिलेयर में बढ़ोतरी करने और 27 फीसदी आरक्षण लागू करने का वादा किया।