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अखिलेश यादव यादव बोले-भाजपा हमें समझाए रामायण की चौपाइयां, सवाल पूछना कर देंगे बंद

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सपा प्रमुख ने कहा-भाजपा है धार्मिक वैज्ञानिक

UP Politics on Ramcharitmanas Row  लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष (Akhillesh yadav) अखिलेश यादव ने भाजपा से रामचरितमानस की चौपाइयों को समझाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें समझा दिया जाए, तो वे सवाल पूछना बंद कर देंगे। अखिलेश ने कहा कि उन्हें रामचरितमानस से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जो गलत है वो गलत है। उन्होंने कहा, वे (भाजपा) 'धार्मिक वैज्ञानिक' हैं और सब कुछ जानते हैं, इसलिए उन्हें हमें समझाना चाहिए।

सपा के वरिष्ठ नेता (Swami Prasad maurya remarks on Ramcharitmanas) स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले महीने एक बयान देकर प्राचीन ग्रंथ रामचरितमानस पर एक विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि कवि-संत तुलसीदास ने महाकाव्य के कुछ छंदों में पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के लिए अपमानजनक संदर्भों का इस्तेमाल किया था।

अखिलेश ने कहा, मैं हर दिन सुबह कम से कम एक घंटे भजन सुनता हूं। समाजवादी भगवान विष्णु के सभी अवतारों को मानते हैं। लेकिन अगर विपक्ष कुछ सवाल उठा रहा है, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनका जवाब देना चाहिए। सपा प्रमुख ने कर्ण (महाभारत के एक योद्धा) के बारे में भी बात की, जो एक शूद्र परिवार में पले-बढ़े थे।

सत्ता में आए तो कराएंगे जातिगत जनगणना

अखिलेश ने कहा, शूद्र होने के कारण उन्हें भी अपमान का सामना करना पड़ा और जिन लोगों ने समाज को जातियों में विभाजित किया, वे जातिगत जनगणना नहीं चाहते हैं। यदि वे लोग जातिगत जनगणना करवाते हैं, तो वे सत्ता से बाहर हो जाएंगे। अगर हम सत्ता में आए तो प्रदेश में तीन महीने में जातिगत जनगणना कराएंगे।'

 

भाजपा नहीं चाहती जाति व्यवस्था खत्म हो

खिलेश ने आगे कहा, जाति व्यवस्था 5,000 साल पुरानी समस्या है, यह एक दिन में दूर नहीं होगी। यदि आप महाभारत पढ़ते हैं, तो आपको पता चलेगा कि कर्ण को क्या-क्या सहना पड़ा। यह भी पढ़ें कि प्रख्यात कवि रामधारी सिंह दिनकर ने कर्ण के बारे में क्या लिखा है। उन्होंने लिखा है कि शूद्र होने के कारण कर्ण को कष्ट उठाना पड़ा।' अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि समाज जाति व्यवस्था से मुक्त हो।

उन्होंने कहा, ये लोग नहीं चाहते कि पिछड़ों और दलितों को संविधान द्वारा दिए गए अधिकार प्राप्त हों। जातिगत जनगणना के बाद ही ये जाति के सदस्य नौकरियों में आरक्षण के माध्यम से अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने आगे कहा, समाजवादियों ने कभी किसी का अपमान नहीं किया, उन्होंने सभी को स्वीकार किया। हम सभी शास्त्रों का सम्मान करते हैं। कुछ चीजें हमने प्रधानमंत्री के लिए छोड़ दी हैं। भाजपा वाले 'धार्मिक वैज्ञानिक' हैं, उन्हें समझाने दीजिए (रामचरितमानस के छंद), हम सवाल पूछना बंद कर देंगे।

 

भागवत ने कहा- पंडितों ने बनाई जाति व्यवस्था

गौरतलब है कि (Mohan Bhagwat) आएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि समाज में ऊंच-नीच की श्रेणी भगवान ने नहीं बनाई है, यह पंडितों ने बनाई है जोकि गलत है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा या नीचा कैसे हो सकता है। भवगान ने हमेशा कहा है कि हमारे लिए सब एक समान हैं। उनमें कोई जाति-वर्ण नहीं है। देश में विवेक, चेतना सभी एक हैं, उसमें कोई अंतर नहीं है। भागवत के इस बयान को रामचरितमानस की चौपाइयों के संबंध में जारी विवाद के मद्देनजर ही देखा जा रहा है। भागवत मुंबई में संत शिरोमणि रविदास की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।