Administration should fix election date before February 6

Chandigarh: प्रशासन 6 फरवरी से पहले निश्चित करे चुनाव की तारीख: हाईकोर्ट

Administration should fix election date before February 6

Administration should fix election date before February 6

Administration should fix election date before February 6- चंडीगढ़ (वीरेंद्र सिंह)। मेयर चुनाव को लेकर मंगलवार को सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन मेयर चुनाव की 6 फरवरी के पहले की कोई नई तिथि तय कर चुनावी प्रक्रिया शुरू करे। कोर्ट ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि 24 जनवरी को केस की फिर से हियरिंग की जायेगी। यदि प्रशासन की तरफ से ६ फरवरी से पूर्व चुनाव कराने की कोई नई तिथि तय नहीं की गई तो अदालत स्वत: संज्ञान लेते हुए इस पर अपना फैसला सुना देगी। यह कहते हुए सुनवाई बुधवार तक के लिए रोक दी गई। 

बता दें नगर निगम चंडीगढ़ में नये मेयर का चुनाव आगामी 28 जनवरी को ही कराने पर विचार किया जा रहा है। इसका कारण भी है कि गणतंत्र दिवस का समारोह भी तब तक संपन्न हो चुका होगा, इसलिए सुरक्षा प्रबंध की भी कोई समस्या आड़े नहीं आयेगी। 

उल्लेखनीय है कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्अ ने नगर प्रशासन चंडीगढ़ को मेयर चुनाव शीघ्र कराने का निर्देश जारी करते हुए नई तिथि बताने की बात की थी। इसके अलावा नगर प्रशासन को आज यानि मंगलवार 23 जनवरी को ही हाईकोर्ट में चुनाव की नई तारीख बताने को कहा था। यह भी काबिलेजिक्र है कि हाईकोर्ट ने ६ फरवरी को चुनाव कराने पर प्रशासन को कड़ी फटकार लगायी थी।

कोर्ट ने डीजीपी को फटकार लगाते हुए कहा था कि जब कानून व्यवस्था पर इनपुट मिलने के बाद मेयर चुनाव को ही टालना पड़ा तो आज चुनाव कैसे करा पायेंगे। इसके बाद कोर्ट ने ६ फरवरी से पहले चुनाव की कोई और तारीख बताने के निर्देश प्रशासन को दिये थे। उसके बाद से ही नगर प्रशासन के अधिकारी नई तारीखों को लेकर विचार कर रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रशासन ने 18 जनवरी को मेयर चुनाव की तिथि निर्धारित की थी। किंतु मतदान से ठीक पहले प्रीजाइडिंग आफीसर की तबियत खराब हो गई और चुनाव टाल दिया गया। 

28 जनवरी को हो सकते हैं चुनाव?

इसलिए कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ प्रशासन अब 28 जनवरी को ही मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव कराने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है। दूसरी तरफ एक और बात सामने आयी है कि कांग्रेस पार्षद जसबीर सिंह बंटी और भाजपा पार्षद जसमनप्रीत सिंह के बीच हुई कुछ चैटिंग को लेकर खूब चर्चा हो रही है। विगत 16 जनवरी को मेयर पद से नामांकन वापसी के दौरान नगर निगम में हुए हंगामे पर गत सोमवार को एक बड़ा खुलासा हुआ। भाजपा पार्षद जस्मीन सिंह ने अपने मोबाइल का स्क्रीन शॉट जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस के पार्षद जसबीर बंटी ने उन्हें मैसेज करते हुए एमसी बुलाया था। उधर बंटी का कहना है कि भाजपा पार्षद ने कुछ जरूरी बात करने के लिए बुलाया था। इसलिए उन्होंने लिखा कि साइड में बुला लेना। 16 जनवरी को हुए हंगामे का प्रमुख कारण यही चैट बताया जा रहा है। इसी चैट के बाद ही नगर निगम के पास भाजपा के सभी नेता पहुंच गए और उन्होंने बंटी को अपने तरफ खींचने का प्रयास किया, जिसके चलते नगर निगम में हंगामा हो गया। 

दोनों दलों के आरोप-प्रत्यारोप

इस बात को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने बंटी को किडनैप करने की कोशिश की। तभी से दोनों दलों में आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता आ रहा है। हंगामे के बीच बंटी के पिता भाग सिंह भी एमसी पहुंचे थे और अपने बेटे को खतरा होने की बात कही थी।  वह बंटी को वापस ले जाना चाहते थे। फिर रात में चंडीगढ़ पुलिस अपनी सुरक्षा में बंटी को उनके घर छोड़ आयी थी। इसके कुछ ही देर बाद बंटी ने एक वीडियो जारी कर कांग्रेस के साथ होने की बात की थी। तभी से वह कांग्रेस के ही साथ है।

मुझे बदनाम करने का प्रयास : बंटी

बंटी ने यह भी कहा है कि उन्हें और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए यह सब काम कर रही है भाजपा। दूसरी तरफ जस्मनप्रीत सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने अपने फायदे के लिए पार्षद का बलिदान दे दिया है। इन सब बातों के अलावा मेयर चुनाव में देरी के चलते आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के पार्षदों को भ्रमण करने का मौका जरूर दे दिया है। कांग्रेस अपने पार्षदों को लेकर अमृतसर के प्रमुख धार्मिक स्थलों का दौरा कराया, जबकि आप के पार्षद भी पंजाब के किसी स्थान पर मौजमस्ती कर रहे हैं। फिलहाल बिल्ली और कबूतर की लुकाछिपी का खेल जारी है। इसलिए चुनाव के पूर्व किसी भी प्रकार की भविष्यवाणी करना उचित नहीं होगा। एक तुलसीकृत रामायण की चौपाई भी है :

हुई है सोई, जे राम रचि राखा, 
को करि तर्क बढ़ावहिं साखा।