Administration is fully prepared to prevent forgery in Tahbazars of Shimla, information about defaulters will be available through the app

शिमला के तहबाजारियों में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार, एप के माध्यम से मिलेगी डिफाल्टरों की जानकारी

Administration is fully prepared to prevent forgery in Tahbazars of Shimla, information about defaulters will be available through the app

Administration is fully prepared to prevent forgery in Tahbazars of Shimla, information about defaul

शिमला:हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के तहबाजारियों का ऑनलाइन पंजीकरण के साथ पूरा डेटा भी ऑनलाइन ही इनका रखा जाएगा। इनका रिकॉर्ड ऑनलाइन करने की तैयारी है । इसके लिए नगर निगम का एक पूरी साइट राज्य सरकार के आईटी विभाग से विकसित करवाने की तैयारी शुरू कर दी है।

इसमें शहर में तहबाजारी के पूरे परिवार की जानकारी उपलब्ध होगी । इनके परिवार के सदस्यों में से ही कोई सदस्य ही दुकान पर बैठ सकेगा। इनके अलावा किसी और को तहबााजारी के लिए आवंटित स्थान पर बैठकर कारोबार करने की अनुमति नहीं होगी।

शहर में बढ़ रही तहबाजारियों की संख्या

नगर निगम प्रशासन का मानना है कि शहर के तहबाजारी अपने स्थान पर किसी और को बिठा देते है। खुद साथ लेते स्थान पर काम करना शुरू कर देते हैं । इसमें किसी रिश्तेदार को बैठा कर काम चलाया जा रहा है । ऐसे में लगातार ही शहर में तहबाजारियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

तहबाजारियों के एप पर परिजनों की भी पूरी जानकारी होगी। इसके अलावा न ही कोई इसमे बैठ सकेगा और न ही कारोबार कर सकेगा। परिजन के सदस्यों के रिकार्ड को ही भविष्य में लाइसेंस दूसरे के नाम हस्तांतरित करने के लिए रिकार्ड के रूप में इस्तेमाल हो सकेगा।

एप के माध्यम से मिलेगी डिफाल्टरों की जानकारी

किसी ऐप के दौरान ऑनलाइन फीस अदा करने से लेकर अन्य सभी काम भी हो सकेंगे। शहर में एक हजार के लगभग तहबाजारी है। इन सभी से सालाना 6000 रुपये की तहबाजारी फीस ली जाती है। अभी तक नगर निगम प्रशासन की ओर से इन्हें पहले आई कार्ड भी मुहैया कराते कराए जाते रहे हैं। अब नगर निगम प्रशासन ने इनका पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन करने का फैसला किया है। इसके लिए अलग से साइट बन रही है।

नगर निगम को होगी अच्छी खासी आय

यदि यह तहबाजारी साल में अपनी फीस अदा नहीं करते हैं तो अगले साल के लिए उनका लाइसेंस तब तक रद्द माना जाएगा जब तक वो फीस जमा नहीं करते हैं। यह रिकॉर्ड भी ऑनलाइन ही दिख जाएगा कि किस ने फीस जमा की है और किसकी फीस अभी तक जमा नहीं हुई है । इससे नगर निगम को एक अच्छी खासी आय तो होगी साथ ही शहर में तहबाजारियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे काम में सफलता मिल सकती है।

तहबाजारी में खत्म होगा फर्जीवाड़ा

नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त बीआर शर्मा ने कहा कि इस मसले पर बुधवार को आईटी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है । इसमें उन्हें निर्देश दिए कि इसके लिए शीघ्र ही एक एप तैयार किया जाए। शहर में कर्मचारियों को पंजीकृत करके साइट पर उनका व परिजनों का पूरा डेटा होगा। इसके बाद तहबाजारी में फर्जीवाड़ा पूरी तरह से खत्म हो सकता है।