एक अख़बार के संपादक के खिलाफ जगराओं में केस दर्ज

एक अख़बार के संपादक के खिलाफ जगराओं में केस दर्ज

एक अख़बार के  संपादक के खिलाफ जगराओं में केस दर्ज

एक अख़बार के संपादक के खिलाफ जगराओं में केस दर्ज

पुलिस को अल्टीमेटम, सोमवार तक गिरफ्तारी नहीं हुई तो जगराओं को किया जाएगा बंद

जगराओं (दीपक ,कृष्ण ) : एक पंजाबी अखबार के संपादक के खिलाफ सिटी जगराओं थाने में अपने अखबार में हिंदू भावनाओं का अपमान करने का मामला दर्ज किया गया है। आज झांसी रानी चौक पर हिंदू संगठनों ने धरना दिया और इस  संपादक का पुतला फूंका गया। हिंदू एकता मंच के महासचिव अमित शर्मा ने एसएसपी जगराओं से शिकायत की कि पंजाबी अखबार के संपादक ने 7 अक्टूबर को एक खबर प्रकाशित की थी कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल माता चिंतपूर्णी में माथा टेकने गए थे और अख़बार में माता चिंतपूर्णी को "बेगानी मां" लिखा था जिसने हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।
             हिंदू एकता मंच के महासचिव अमित शर्मा सहित हिंदू समुदाय के कई सदस्यों ने इस खबर पर आपत्ति जताई और आज झांसी रानी चौक पर धरना दिया। एसपी हरमिंदरपाल सिंह परमार मौके पर पहुंचे और धरना समाप्त करवाया। इस मौके पर कई पार्षद और कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे। इस मौके पर कांग्रेस पार्षद राजू कामरेड भी धरने में शामिल हुए और इस खबर को धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला कदम बताया। धरने में शामिल पार्षद अमन कपूर बॉबी ने कहा वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं लेकिन अगर कोई हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है तो यह असहनीय है। विरोध के दौरान पुलिस ने बताया कि सिटी थाने में 295ए का मामला दर्ज किया गया है।
श्री परशुराम इंटरनेशनल संगठन ने किया विरोध
श्री परशुराम इंटरनेशनल संगठन के युवा राज्य प्रधान सुमित शास्त्री ने विरोध जताते हुए कहा कि हम पत्रकारों का सम्मान करते हैं और पत्रकारी पेशे की इज्जत करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई पत्रकार ही धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए तो वह नाकाबिले बर्दाश्त है और कहा कि पुलिस को सोमवार सुबह तक इसे गिरफ्तार करना होगा वरना पूरा शहर बंद किया जायेगा।
बर्दाश्त के बाहर है ऐसी पत्रकारिता : गोपी शर्मा
समाज सेवी गोपी शर्मा ने कहा कि हमारी श्रद्धा माँ चिंतपूर्णी के लिए अपार है और अगर ऐसे नीच पत्रकार अगर हमारी माता के खिलाफ खिलाफ इस तरह के अपशब्द लिखंगे तो हिन्दू भाईचारा आहत होकर विरोध करने सड़कों पर उतरेगा और जब तक ऐसे नीच लोग सलाखों के पीछे नहीं होंगे तब तक संघर्ष जारी रहेगा।