मुख्यमंत्री द्वारा हर क्षेत्र में पंजाब को नंबर एक बनाने का संकल्प

Chief Minister vows to make Punjab Number One
राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के चलते राष्ट्रीय सर्वेक्षण में पंजाब ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
बच्चों को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराएं - मुख्यमंत्री की शिक्षकों से अपील
सरकारी स्कूलों के 24 लाख विद्यार्थियों का भविष्य अब सुरक्षित हाथों में - मनीष सिसोदिया
राज्य के शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव के लिए पंजाब सरकार की सराहना
संगरूर, 6 जुलाई: Chief Minister vows to make Punjab Number One: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज जनहित और विकासोन्मुखी नीतियों के माध्यम से पंजाब को हर क्षेत्र में नंबर एक राज्य बनाने का संकल्प लिया।
नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एन ए एस) में पंजाब के बेहतरीन प्रदर्शन के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कठोर प्रयासों के कारण आज पंजाब इस सर्वेक्षण में प्रथम स्थान पर है, जबकि वर्ष 2017 में पंजाब 17वें स्थान पर था। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं और उन्होंने पंजाब को नंबर एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों के चलते पंजाब आज हर क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल कर रहा है, चाहे वह शिक्षा हो या कोई अन्य क्षेत्र।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि वे छात्रों को पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराएं क्योंकि यह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह समय की जरूरत है कि विद्यार्थी अपनी जड़ों से जुड़े रहें और जीवन में ऊंचाइयों को छुएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि वे आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी और समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के संयुक्त प्रयासों के कारण आज शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसे क्षेत्र देश की राजनीति के केंद्र में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी भी राजनीतिक पार्टी ने इन मुख्य क्षेत्रों की चिंता नहीं की थी, जबकि ये आम आदमी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का हर कदम आम आदमी की भलाई के लिए है और इस नेक कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने कभी भी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की परवाह नहीं की। उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं के बच्चे मंहगे कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ते थे, इसलिए वे कभी सरकारी स्कूलों की ओर नहीं देख पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकारी स्कूल केवल मिड-डे मील के वितरण केंद्र बने हुए थे।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को स्कूल स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर उनकी तकदीर बदलने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में शिक्षा क्रांति की शुरुआत की है, जिसने सामाजिक-आर्थिक दीवारों को तोड़ते हुए विद्यार्थियों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि विद्यार्थियों की भलाई से बढ़कर कुछ भी नहीं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि पंजाब का शिक्षा क्षेत्र अब महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, जिसके चलते सरकारी स्कूलों के परिणाम और अधिक बेहतर होंगे और इससे सरकार के प्रयासों को और अधिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है और पंजाब निश्चित रूप से देश भर में रोल मॉडल के रूप में उभरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि शिक्षकों की सेवाएं किसी अन्य कार्य के बजाय केवल शिक्षा के उद्देश्य के लिए ही ली जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नये बदलाव के तहत सरकारी स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग्स (पी टी एम) करवाई जा रही हैं। पहले यह प्रथा केवल निजी स्कूलों में ही थी, लेकिन अब सरकारी स्कूलों में भी इसे अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों की भलाई के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई शिक्षा के सर्वोत्तम अभ्यासों में से एक है क्योंकि इससे अभिभावक और शिक्षक विद्यार्थियों के हित में बेहतर संवाद स्थापित कर पाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब में शिक्षा क्रांति का युग शुरू कर दिया है और इसे मजबूत करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि युवाओं को अब तक 54,000 से अधिक नौकरियां दी जा चुकी हैं और ये सभी नौकरियां पूरी योग्यता के आधार पर बिना किसी भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद के दी गई हैं। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदारी का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का हर निर्णय जनता की भलाई और प्रदेश की तरक्की के लिए लिया जा रहा है।
इससे पहले अपने संबोधन में वरिष्ठ आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश में शिक्षा माफिया के राज में सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक सपना ही बनकर रह गई थी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय शिक्षा का क्षेत्र इसलिए पिछड़ गया क्योंकि उन सरकारों ने अफसरशाही और नेताओं द्वारा संचालित निजी स्कूलों को बढ़ावा दिया था। मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज पंजाब ने यह शानदार मुकाम हासिल कर एक चमत्कारी काम किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूल अब सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज सरकारी स्कूलों के 24 लाख विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है और राज्य में शिक्षा क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह संभव इसलिए हो सका है क्योंकि शिक्षकों, प्रिंसिपलों और अन्य स्टाफ ने राज्य सरकार की नीतियों के अनुसार कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है, जिसके लिए सभी सहयोगी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है क्योंकि पंजाब शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा, अमन अरोड़ा, हरजोत सिंह बैंस और बरिंदर गोयल समेत कई अन्य गणमान्य उपस्थित थे।