व्यापारिक इतिहास का सबसे बड़ा त्योहारी कारोबार, दिवाली पर देश में हुई 6.05 लाख करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री

Diwali Sales Rs 6 Lakh Crore

Diwali Sales Rs 6 Lakh Crore

नई दिल्ली: Diwali Sales Rs 6 Lakh Crore: इस बार दिवाली पर रिकॉर्ड बिक्री हुई है. व्यापारियों के संगठन कैट (CAIT) ने मंगलवार को कहा कि करीब 6.05 लाख करोड़ रुपये तक का कारोबार हुआ, जिसमें 5.40 लाख करोड़ रुपये वस्तुओं की और 65,000 करोड़ रुपये सेवाओं की बिक्री शामिल है.

यह आंकड़ा अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने अपने अनुसंधान विंग द्वारा राज्यों की राजधानियों और टियर 2 एवं 3 शहरों सहित 60 प्रमुख वितरण केंद्रों पर किए गए राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण पर आधारित हैं. सीएआईटी के अनुसार, पिछले साल दिवाली पर बिक्री 4.25 लाख करोड़ रुपये रही थी. सीएआईटी ने कहा कि मुख्य खुदरा व्यापार- विशेष रूप से गैर-कॉर्पोरेट और पारंपरिक बाजारों ने कुल व्यापार में 85 प्रतिशत का योगदान दिया.

प्रमुख त्योहारी वस्तुओं की बिक्री के क्षेत्रवार प्रतिशत में किराना और एफएमसीजी 12 प्रतिशत, सोना और आभूषण 10 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल्स आइटम 8 प्रतिशत, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं 7 प्रतिशत, रेडीमेड वस्त्र 7 प्रतिशत, उपहार वस्तुएं 7 प्रतिशत, गृह सज्जा 5 प्रतिशत, फर्निशिंग और फर्नीचर 5 प्रतिशत, मिठाई और नमकीन 5 प्रतिशत, कपड़ा और फैब्रिक 4 प्रतिशत, पूजा सामग्री 3 प्रतिशत, फल और सूखे मेवे 3 प्रतिशत आदि शामिल हैं.

CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने कहा कि सेवा क्षेत्र ने पैकेजिंग, आतिथ्य, कैब सेवाओं, यात्रा, इवेंट मैनेजमेंट, टेंट और सजावट, जनशक्ति और डिलीवरी जैसे क्षेत्रों से बिक्री में 65,000 करोड़ रुपये जोड़े. रिपोर्ट में पाया गया कि सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत व्यापारियों ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं, जूते, परिधान, कन्फेक्शनरी, गृह सज्जा और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी को सीधे तौर पर बढ़ी हुई बिक्री का श्रेय दिया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारों की यह वृद्धि सर्दियों, शादियों और जनवरी के मध्य से आने वाले त्योहारों के मौसम तक जारी रहेगी. CAIT के अनुसार, दिवाली 2025 के व्यापार ने लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग, परिवहन और खुदरा सेवाओं में 50 लाख अस्थायी नौकरियां पैदा कीं. ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत का कुल व्यापार में 28 प्रतिशत का योगदान रहा, जो महानगरों से परे गहरी आर्थिक भागीदारी को दर्शाता है.

दिल्ली में पटाखों की बिक्री में उछाल:

इस दिवाली दिल्ली में पटाखों की बिक्री में तेज़ी देखी गई. व्यापारियों ने बताया कि ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के अध्यक्ष बृजेश गोयल के अनुसार, इस त्योहारी सीज़न में पटाखों की भारी मांग रही.

उन्होंने कहा, "दिवाली से एक दिन पहले ही ज़्यादातर व्यापारियों का स्टॉक खत्म हो गया था. कई लोगों को पटाखे खरीदने के लिए गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद और सोनीपत जाना पड़ा." उन्होंने बताया कि दिल्ली में पटाखों की कुल बिक्री लगभग 500 करोड़ रुपये की रही.

सदर बाज़ार एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल व्यापारियों की बिक्री लगभग 40 प्रतिशत ज़्यादा रही. उन्होंने कहा, "पटाखों के साथ-साथ रोशनी और सजावटी सामान जैसी वस्तुओं की भी मांग बढ़ी है."

पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमतिः

सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में त्योहारों की परंपराओं और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बीच संतुलन बनाते हुए विशिष्ट शर्तों के तहत हरित पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दी थी.

अदालत के आदेश के अनुसार, दिवाली से एक दिन पहले और दिवाली के दिन हरित पटाखों का उपयोग कुछ निश्चित समय तक ही सीमित था. सुबह 6 बजे से 7 बजे के बीच और रात 8 बजे से 10 बजे के बीच. 18 से 21 अक्टूबर के बीच हरित पटाखों की बिक्री की अनुमति थी.