पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच सरकार चीनी कंपनियों के एफडीआई प्रस्तावों की करेगी कड़ी जांच 

Amid tension with Pakistan, the government will strictly scrutinise FDI proposals of Chinese compani

Amid tension with Pakistan, the government will strictly scrutinise FDI proposals of Chinese compani

Amid tension with Pakistan, the government will strictly scrutinise FDI proposals of Chinese companies- नई दिल्ली। सरकार भारत में निवेश करने के लिए चीनी कंपनियों के कुछ प्रमुख निवेश प्रस्तावों की अधिक कठोर समीक्षा करने की योजना बना रही है, जिससे इन वेंचर्स को आगे बढ़ने में देरी हो सकती है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।  

एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट में बताया गया कि यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है, जब पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को सजा देने के लिए भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई के लिए 'ऑपरेशन सिदूंर' लॉन्च किया था।

ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई बौखलाई पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सेना पर किए गए जवाबी हमले का चीन ने समर्थन किया।

चीन, तुर्की और बांग्लादेश के साथ समन्वय करके पाकिस्तान को कूटनीतिक समर्थन देने के अलावा, सैन्य हार्डवेयर भी उपलब्ध करा रहा है, जिसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया गया।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सरकार चीनी कंपनियों द्वारा समर्थित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्तावों और ज्वाइंट वेंचर्स की जांच तेज करेगी।

रिपोर्ट के अनुसार, कुछ भारतीय कंपनियां सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में ज्वाइंट वेंचर के लिए चीनी फर्मों के साथ बातचीत कर रही हैं। ऐसे प्रोजेक्ट्स में अब देरी होने की संभावना है।

प्रमुख चीनी कंपनियों में से होम अप्लायंसेस की दिग्गज कंपनी हायर, भारतीय कारोबारी समूह जेएसडब्ल्यू ग्रुप के साथ 1,000 करोड़ रुपए के संभावित निवेश के लिए संयुक्त उद्यम (जेवी) की संभावना तलाश रही है। यह प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है।

काउंटर टेररिज्म संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति संख्या 1267 में चीन ने लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी समूह की शाखा, द रेजिस्टेंस फोर्स का जिक्र करने से रोक दिया, जिसने 22 अप्रैल को पहलगाम हमलों की जिम्मेदारी ली थी।

भारत ने इससे पहले अप्रैल 2020 में चीन से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाया था और इन प्रस्तावों को मंजूरी देने से पहले जांच करने का फैसला लिया था।

चीनी दूरसंचार उपकरण निर्माता हुआवेई और जेडटीई जैसी कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में 5जी रोलआउट से बाहर रखा गया था।

भारत की दूरसंचार कंपनियों को सरकार ने सलाह दी थी कि वे अपने नेटवर्क के विस्तार के लिए केवल विश्वसनीय उपकरणों का ही इस्तेमाल करें।