राजधानी में बीते 24 घंटे में कोरोना के 81 नए मामले, दो बुजुर्गों की मौत; डॉक्टरों ने क्या कहा?

Delhi Corona Update
नई दिल्ली: Delhi Corona Update: दिल्ली में करीब दो वर्ष बाद कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ने शुरू हो गए हैं. दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 81 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 52 मरीज ठीक हुए हैं. वहीं कोरोना पॉजिटिव दो बुजुर्ग मरीजों की मौत हो गई है. जिसमें एक 60 वर्षीय महिला मरीज और दूसरा 71 वर्षीय पुरुष मरीज शामिल हैं. दोनों मरीजों को कोरोना पॉजिटिव होने के पहले से ही दूसरी बीमारी थी. डॉक्टरों का कहना है कि लोग घबराएं नहीं, सतर्क रहें. कोरोना से अब डरने की जरूरत नहीं है. बुजुर्ग, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग, किडनी की बीमारी, कैंसर इत्यादि बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि उन्हें जोखिम ज्यादा है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की बीमारियों वाले लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, जिससे कोरोना का संक्रमण अधिक घातक साबित होता है. कोविड-19 डैशबोर्ड के अनुसार, दिल्ली में अभी कोरोना के 375 सक्रिय मरीज हैं, वहीं 266 मरीज ठीक हुए हैं. जनवरी से लेकर अब तक कुल तीन मरीजों की मौत हुई है. इसमें 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला मरीज की आंत ब्लॉक हो गई थी, इस वजह से उनकी सर्जरी हुई थी. इसी दौरान में उन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ. वहीं 71 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को निमोनिया, सेप्टिक शॉक व एकेआई (एक्यूट किडनी इंजरी) के कारण किडनी खराब हो गई थी. जिन लोगों की इम्यूनिटी अच्छी है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. खांसी-जुकाम होने पर भीड़ में जाने से बचें और मास्क का इस्तेमाल करें.
दो मरीजों की हातल स्थिर: राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में कोविड वार्ड के नोडल ऑफिसर डॉ. पवन कुमार ने बताया, आरएमएल में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. अस्पताल में बीते दिनों 4 मरीज भर्ती थे, लेकिन दो मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अब दो ही मरीज भर्ती हैं. दोनों मरीजों की हालत फिलहाल स्थिर है. उन्हें चार दिन पहले तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. घबराने की जरूरत नहीं है.
इस बार नहीं पड़ रही आईसीयू की जरूरत: उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है. लोगों को भीड़-भाड़ से बचना चाहिए और मास्क जरूर लगाना चाहिए. डॉ. पवन के अनुसार, कोविड का नया वेरिएंट पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक नहीं है. इसके लक्षण आमतौर पर खांसी और बुखार ही है. यह कितना तेजी से फैल रहा है, इसपर अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता. पहली और दूसरी लहर के मुकाबले इस बार मरीजों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर या आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ रही है. वहीं अस्पताल की तैयारियों के बारे में उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट पहले से मौजूद है, स्टाफ और बेड की संख्या पर्याप्त भी है. जरूरत पड़ने पर बेड की संख्या एक दिन में 100 से बढ़ाकर 400 तक की जा सकती है.