38 B.Ed colleges did not give records, commission sent notice; Rules being violated in the name of TP

38 B.Ed कॉलेजों ने नहीं दिया रिकॉर्ड, आयोग ने भेजा नोटिस; TP के नाम पर नियमों की हो रही अवहेलना

38 B.Ed colleges did not give records, commission sent notice; Rules being violated in the name of TP

38 B.Ed colleges did not give records, commission sent notice; Rules being violated in the name of T

शिमला:हिमाचल में निजी क्षेत्र में चल रहे बीएड कॉलेजों के विरुद्ध जांच तेज हो गई है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने प्रदेश के 78 बीएड कॉलेजों से रिकॉर्ड तलब किया था। इनमें से 38 ने आयोग को रिकार्ड नहीं दिया है। कुछ ने आधी अधूरी सूचना भेजी है। जानकारी न देने पर आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने 38 कॉलेजों को नोटिस जारी कर 15 जून तक रिकॉर्ड मांगा है।

कई कॉलेजों में प्रर्याप्‍त स्‍टाफ भी नहीं

नोटिस में कहा गया है कि यदि वे इसका जवाब नहीं देते तो उन्हें समन जारी कर आयोग के कोर्ट में तलब किया जाएगा। आयोग के पास बीएड कॉलेजों के विरुद्ध कई तरह की शिकायतें आई हैं। आरोप है कि कई बीएड कॉलेजों ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से निरीक्षण भी नहीं करवाया है। कई कॉलेजों में स्टाफ भी प्रर्याप्त नहीं है। कॉलेज टीपी यानी टीचर प्रैक्टिस के नाम पर नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।

समन किया जाएगा जारी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बीएड के लिए जो नियम तय किए हैं, उनके अनुसार एक हजार विद्यार्थियों को 10 बीएड प्रशिक्षु पढ़ा सकते हैं। कुछ बीएड कॉलेज एक ही स्कूल में 15 से 20 प्रशिक्षुओं को टीपी के लिए एक साथ भेज रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक ने कहा कि 15 जून तक जवाब मांगा है। यदि संस्थान जवाब नहीं देते तो उन्हें समन जारी किया जाएगा।

नए फार्मेट में देनी होगी जानकारी

निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने 38 बीएड कॉलेजों को नया फार्मेट भेजा है। इस पर पूरी जानकारी देने को कहा है। यह भी पूछा है कि कालेज में बीएड की कुल कितनी सीट हैं, स्टाफ की स्थिति क्या है। एनसीटीई से कब निरीक्षण करवाया है। प्रशिक्षुओं को टीचर प्रैक्टिस के लिए कहां भेजा जा रहा है। आयोग का कहना है कि यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।

यह न केवल नियमों की अवहेलना है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी इसका असर पड़ता है। आयोग को ऐसी भी शिकायतें मिली हैं कि कई प्रशिक्षु नियमित कक्षाएं नहीं लगाते। इसको भी जांचा जा रहा है। अब दोबारा से आयोग ने जांच बैठा दी है।

शिक्षा विभाग ने भी खोली जांच, फर्जी संस्थान से डिग्री लेने वाले नपेंगे 

हिमाचल में संस्थान खोलकर विश्वविद्यालय की डिग्रियां बांटने वालों के विरुद्ध भी जांच शुरू हो गई है। शिक्षा मंत्रालय के सचिव के संजय मूर्थी ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि हिमाचल में कुछ संस्थान विश्वविद्यालय की डिग्रियां बांट रहे हैं, यह नियमों के विपरीत है।

केंद्र से आए पत्र के बाद उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने सभी उपनिदेशकों व प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर इसकी पूरी रिपोर्ट निदेशालय भेजने को कहा है। उन्होंने कहा है कि यदि किसी ने इन संस्थानों से डिग्री की है तो उसकी पूरी रिपोर्ट दें व उनके खिलाफ कार्रवाई करें। इनकी नौकरी जा सकती है।