36300 saplings will be planted in Majathal Wild Sanctuary in Shimla in the coming days, animal attacks will reduce in the city
BREAKING
चंडीगढ़ के उद्योगपति एमपी चावला की बड़ी जीत; डा. लाल पैथ लैब से खाली कराया अपना परिसर, कोर्ट के आदेश से कब्जा हटा, पढ़िए चंडीगढ़ के धनास में निकली जगन्नाथ रथ यात्रा; 'महाप्रभु' की जय-जयकार से गूंजा क्षेत्र, भक्ति भाव में झूमते दिखे लोग, गजब उल्लास दिखा 11 लड़कियों से शादी के लिए 1900 लड़कों का आवेदन; इंटरव्यू के बाद 11 सिलेक्ट, लड़कियों की राय ली, घर-रोजगार को देखा गया CM भगवंत मान की आज मैरिज एनिवर्सरी; पत्नी गुरप्रीत कौर ने लिखा- मेरे हमसफ़र को शादी की सालगिरह मुबारक, आप बुलंदियों पर रहें पंजाब में यात्रियों से भरी बस पलटी; कई लोगों की मौत से हाहाकार, कार से टक्कर के बाद हुआ भीषण हादसा, CM मान ने जानकारी ली

शिमला में मजाठल वाइल्ड सेंचुरी में आने वाले दिनों में 36300 पौधे रोपे जाएंगे, शहर में कम होंगे जानवर के हमले

36300 saplings will be planted in Majathal Wild Sanctuary in Shimla in the coming days, animal attacks will reduce in the city

36300 saplings will be planted in Majathal Wild Sanctuary in Shimla in the coming days, animal attac

शिमला:राजधानी शिमला में वन्य प्राणी विंग के तहत आने वाली मजाठल वाइल्ड सेंचुरी में आने वाले दिनों में 36,300 पौधे रोपे जाएंगे। इसमें इस बार अधिकतर पौधे फलदार पौधे होंगे। इसमें अमरुद के पौधे, जामुन के पौधे, बान (ओक) के पौधे भी शामिल होंगे। वन्य प्राणी विंग पहली बार किसी सेंचुरी में फलदार पौधों को लगाने का काम कर रहा है। मजाठल वाइल्ड सेंचुरी में इससे पहले जितने भी पौधे थे, वह सिर्फ सामान्य पौधे थे।

330 हैक्टेयर की वन भूमि में रोपे जाएंगे पौधे

मजाठल वाइल्ड सेंचुरी में 330 हैक्टेयर की वन भूमि पर ये पौधे रोपे जाएंगे। इसमें कुछ पौधों का नए तरीके से रख रखाव किया जाएगा, ताकि सेंचुरी में रह रहे जानवरों को भी खाने के लिए प्राकृतिक फल मिल सकें। इसके अलावा, वहां पर रह रहे जानवरों (बंदरों) को खाना जंगल में मिलेगा तो शहर में आने से इन्हें रोक जा सकेगा। वन्य प्राणी विंग ने इसके अलावा किसी भी वाइल्ड सेंचुरी में पौधे नहीं रोपे हैं।

जानवर नहीं करेंगे शहर की तरफ पलायन

वर्ष 2020 में वन्य प्राणी विंग ने कुफरी जू में पौधारोपण किया गया था। हालांकि, वाइल्ड सेंचुरियों में कम ही पौधारोपण होता है। वन्य प्राणी विंग के वन मंडल अधिकारी एन रविशंकर का कहना है कि मजाठल में आने वाले दिनों में जल्द ही फलदार पौधे लगाने का काम शुरू होगा। इसकी तैयारियां वन विभाग ने शुरु कर दी हैं।

उन्होंने कहा कि इन पौधों में ज्यादातर फलों के पौधे हैं। फलों को लगाने का मकसद वहां पर रह रहे जानवरों को जंगल में खाना मुहैया करवाना है। इससे इनका शहर की तरफ को पलायन रोका जा सकेगा। इसके साथ ही गांव में खेती को भी बचाया जा सकेगा।