250 Ayush wellness centers will be opened in the state, 500 herbal gardens will promote Ayurveda medicine.

प्रदेश में खोले जाएंगे 250 आयुष वेलनेस सेंटर, 500 हर्बल गार्डन देंगे आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा’

250 Ayush wellness centers will be opened in the state, 500 herbal gardens will promote Ayurveda medicine.

250 Ayush wellness centers will be opened in the state, 500 herbal gardens will promote Ayurveda med

शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने जा रही है। इसके लिए प्रदेश में 250 आयुष वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। इन केंद्रों में अलग-अलग पैकेज के माध्यम से विभिन्न बीमारियों का इलाज उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा, राज्य के विभिन्न भागों में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, शिक्षा और वन विभाग के सहयोग से 500 से अधिक नए हर्बल गार्डन विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये उद्यान न केवल गुणवत्तापूर्ण औषधियों का उत्पादन करेंगे, बल्कि राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का अतिरिक्त केन्द्र बनकर उभरेंगे।

सीएम सुक्खू ने कहा कि आयुष पद्धति बीमारियों की रोकथाम, निदान और पुरानी बीमारियों के उपचार में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में एक नया आयाम जोड़ती है। जीवनशैली संबंधी विकार जैसे मधुमेह और उच्च रक्तचाप के उपचार और रोकथाम में आयुष पद्धति नई सोच पैदा कर रही है। आयुष पद्धति को दिनचर्या में शामिल कर एंटी-एजिंग और कॉस्मेटोलॉजी की वैकल्पिक दवाओं के उपयोग को कम किया जा सकता है। आधुनिक चिकित्सा शैली की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में आयुष पद्धति के बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत किसानों को औषधीय पौधों के क्लस्टर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे किसानों को कृषि आधारित आर्थिकी को बढ़ाने के लिए औषधीय पौधों की खेती चुनने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति और जलवायु विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों और फसलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी। आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं अत्यधिक पेशेवर पद्धति है, लेकिन महंगे होने के कारण कमजोर वर्गों के लिए यह आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। आयुर्वेद ग्रामीण भारत की भौतिक और वित्तीय पहुंच के साथ स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाती है। भारत में कुछ आयुर्वेदिक औषधीय पौधों और मसालों का उपयोग कई प्रकार की सामान्य बीमारियों के लिए घरेलू उपचार में सदियों से किया जाता है। ऐसे में सरकार के यह प्रयास निश्चित तौर पर सुलभ चिकित्सा के नए द्वार खोलेंगे।