आप तीन साल से क्या कर रहे हैं? तमिलनाडु के राज्यपाल से सर्वोच्च न्यायालय का प्रश्न
Supreme Court
(अर्थप्रकाश / बोम्मा रेडड्डी)
नई दिल्ली : Supreme Court: तमिलनाडु तीन साल से करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी दिए बिना क्या कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने राज्यपाल आरएन रवि से पूछताछ की. तमिलनाडु, केरल और पंजाब की सरकारों ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि राज्यपाल जानबूझकर विधायी डिक्री को मंजूरी देने में देरी कर रहे हैं। सुप्रीम चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सोमवार को इन संस्करणों पर जांच की। इसमें सवाल उठाया गया कि तमिलनाडु के राज्यपाल इन्हें मंजूरी दिए बिना तीन साल से क्या कर रहे हैं। वहीं, राज्यपाल समर खान, आयडा कार्यालय और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस में बिलों के पारित होने में हो रही देरी के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा है.
सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने दलीलें सुनीं. इस मौके पर ऑडा ने अदालत से यह याद रखने का अनुरोध किया कि संविधान के अनुच्छेद 168 के अनुसार, राज्यपाल विधान सभा का हिस्सा हैं. उसका ब्यौरा सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया गया है. गीता ने खुलासा किया कि राज्यपाल आठ जिलों को विकास से 21 महीने तक नहीं रोक सकते.
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