खतरे के निशान के करीब पहुंचा चंडीगढ़ सुखना लेक का जलस्तर, कभी भी खोले जा सकते हैं फ्लड गेट

खतरे के निशान के करीब पहुंचा चंडीगढ़ सुखना लेक का जलस्तर, कभी भी खोले जा सकते हैं फ्लड गेट

खतरे के निशान के करीब पहुंचा चंडीगढ़ सुखना लेक का जलस्तर

खतरे के निशान के करीब पहुंचा चंडीगढ़ सुखना लेक का जलस्तर, कभी भी खोले जा सकते हैं फ्लड गेट

चंडीगढ़ की सुखना लेक का जलस्तर मानसून की बारिश में एक बार फिर से बढ़ने लगा है। लेक के फ्लड गेट कभी भी खोल जा सकते हैं। लेक का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने से थोड़ा ही नीचे है। अब कुछ घंटों की लगातार बारिश फ्लड गेट खोलने के लिए मजबूर कर सकती है।

अगस्त 2020 में जब फ्लड गेट खुले थे तो तेज जलप्रवाह से बलटाना की पुलिस चौकी समेत काफी एरिया में जलभराव हो गया था। लोगों की गाड़ियां तक पानी में डूब गई थीं। पुलिस चौकी का रिकॉर्ड भी काफी खराब हो गया था। ऐसे में फ्लड गेट खोले जाने से बापूधाम कॉलोनी, किशनगढ़ और बलटाना जैसे क्षेत्र प्रभावित होने का खतरा है।

23 अगस्त को जब फ्लड गेट खोले गए थे तो बलटाना में ऐसा दृश्य देखने को मिला था

मिली जानकारी के मुताबिक, आज सुबह की बारिश के बाद सुखना लेक का जलस्तर 1161.05 फीट पहुंच गया। 1162 फीट पहुंचने पर इसे खतरे के निशान से ऊपर माना जाता है। यदि सुखना लेक का जलस्तर 1163 फीट तक पहुंचा तो फ्लड गेट खोल दिए जाएंगे।

वहीं चंडीगढ़ प्रशासन का इंजीनियरिंग विभाग लेक की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। पंचकूला और मोहाली प्रशासन को अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुखना चौ से लेक का पानी घघ्घर तक जाता है। बीच में बलटाना भी आता है। ऐसे में बलटाना की स्थिति मानसून में संवेदनशील हो जाती है।

बता दें कि जून के अंत तक सुखना लेक का जलस्तर कम होकर 1154 फीट तक जा पहुंचा था। वहीं मानसून आने के साथ ही एक बार फिर जलस्तर बढ़ने लगा है। पिछले वर्ष 4 बार सुखना के फ्लड गेट खोलने पड़े थे। सुखना लेक के तीन फ्लड गेट हैं। जलस्तर की स्थिति आदि को देखते हुए इसके गेट खोले जाते हैं।

अगस्त, 2022 में जब बलटाना में जब भारी जलभराव की स्थिति हो गई थी तो 2 गेट खोले गए थे। अगस्त के 23 दिनों में 339 एमएम बारिश हो गई थी, जो पिछले 16 सालों में सबसे अधिक थी।