विटामिन डी की ओवरडोज हो सकती है जानलेवा

विटामिन डी की ओवरडोज हो सकती है जानलेवा

विटामिन डी की ओवरडोज हो सकती है जानलेवा

विटामिन डी की ओवरडोज हो सकती है जानलेवा

नई दिल्ली। विटामिन-डी की कमी स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर स्थिति है, जिसे अक्सर इग्नोर भी कर दिया जाता है। मानव शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए विटामिन-डी की कुछ मात्रा की आवश्यकता होती है। लेकिन हमारी लाइफस्टाइल और ख़राब आदतों की वजह से अक्सर इस विटामिन की कमी देखी जाती है। वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो बिना डॉक्टर की सलाह के ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन-डी सप्लीमेंट का सेवन कर लेते हैं। शरीर में ज़्यादा विटामिन-डी भी नुकसान पहुंचा सकता है।

विटामिन-डी की कमी होने का ख़तरा किन लोगों में ज़्यादा है?

शिशुओं में विटामिन-डी की कमी होने का ख़तरा अधिक होता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि मां का दूध पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत नहीं है। उम्रदराज़ लोगों में भी इस पोषक तत्व की कमी होने का ख़तरा ज़्यादा होता है, क्योंकि सूर्य की रौशनी के संपर्क में आने पर उनकी त्वचा विटामिन-डी बनाने में सक्षम नहीं होती है। यही वजह है कि वृद्ध लोगों को अधिक विटामिन-डी लेने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा, जो लोग सीलिएक रोग या क्रोहन रोग से पीड़ित हैं, उनमें भी विटामिन डी की कमी होती है क्योंकि वे वसा को ठीक से नियंत्रित करने में असमर्थ होते हैं। विटामिन डी, जो वसा में घुलनशील एक विटामिन है, को अवशोषित होने के लिए वसा की आवश्यकता होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग मोटापे से पीड़ित होते हैं, उनमें विटामिन-डी का स्तर काफी कम होता है।

ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन-डी स्प्लीमेंट लेने से क्या होता है?

मेडिकल एक्सपर्ट्स यही सलाह देते है कि बिना डॉक्टर की सलाह से कभी सप्लीमेंट का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों को यह नहीं पता होता कि उन्हें कितनी ज़रूरत है वह कितने सप्लीमेंट का सेवन कर रहे हैं। ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन-डी के सेवन से किडनी डैमेज हो सकती हैं। शरीर में विटामिन-डी की अधिक मात्रा शरीर में विषाक्तता पैदा करता है, जो शरीर में कैल्शियम के निर्माण को तेज़ करता है और मतली, उल्टी, बार-बार पेशाब और कमज़ोरी जैसे लक्षणों का अनुभव होने लगता है।

शरीर में ज़रूरत से ज़्यादा विटामिन-डी के क्या हैं लक्षण?

आपके शरीर में आवश्यकता से अधिक विटामिन-डी के संकेत के सामान्य लक्षण ऐसे हो सकते हैं :

- भूख न लगना

- कब्ज़

- पानी की कमी

- चक्कर आना

- कमज़ोरी

- हाई ब्लड प्रेशर

- चिड़चिड़ापन

- मतली

- उलटी

- बार-बार पेशाब आना

- मांसपेशियों का कमज़ोर पड़ना

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।