पूर्व DGP प्रशांत कुमार को मिली बड़ी जिम्मेदारी, यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए

Prashant Kumar has been Appointed as the Chairman of UPESSC

Prashant Kumar has been Appointed as the Chairman of UPESSC

उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा निर्णय लिया है. योगी सरकार ने प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) और माफिया विरोधी अभियानों के लिए मशहूर 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज (UPESSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया है.

इस आयोग के माध्यम से माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा स्तर पर शिक्षकों की भर्ती की जाती है. प्रशांत कुमार मई 2025 में यूपी पुलिस के डीजीपी पद से सेवानिवृत्त हुए थे. रिटायरमेंट के मात्र सात महीने बाद ही योगी सरकार ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है, जो उनके प्रशासनिक अनुभव और विश्वसनीयता पर मुख्यमंत्री के भरोसे को दर्शाता है. बताया जाता है कि योगी सरकार बनने के बाद से प्रशांत कुमार योगी की गुड लिस्ट में शामिल थे. यह चर्चा पहले से चल रही थी कि प्रशांत कुमार को योगी किसी ने किसी रास्ते दोबारा अपने से जोड़ेंगे.

कौन हैं प्रशांत कुमार?

मूल रूप से बिहार के सीवान जिले के हथौड़ी गांव के रहने वाले प्रशांत कुमार का जन्म 16 मई 1965 को हुआ. पढ़ाई-लिखाई में शुरू से अव्वल रहे प्रशांत कुमार बेहद मेधावी रहे हैं. उनके पास तीन मास्टर डिग्री हैं. 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार को शुरू में तमिलनाडु कैडर मिला था, लेकिन 1994 में निजी कारणों से उत्तर प्रदेश कैडर में ट्रांसफर कराया. उनकी पत्नी डिंपल वर्मा भी आईएएस अधिकारी रही हैं और वर्तमान में यूपी रेरा में सदस्य है.

डेढ़ साल तक रहे थे DGP

यूपी पुलिस में प्रशांत कुमार का करियर अपराध और माफिया पर कड़ी कार्रवाई के लिए जाना जाता है. वह करीब डेढ़ साल तक कार्यवाहक डीजीपी रहे. डीजीपी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रहने के दौरान दौरान 300 से अधिक पुलिस एनकाउंटर हुए, जिनमें कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का खात्मा भी शामिल है.

‘रियल लाइफ सिंघम’ के नाम से मशहूर

प्रशांत कुमार को वीरता के लिए चार बार राष्ट्रपति पुलिस पदक मिल चुका है. यूपी पुलिस में उन्हें ‘रियल लाइफ सिंघम’ कहा जाता था. योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में शुमार प्रशांत कुमार अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के प्रतीक रहे. उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए प्रशांत कुमार की नियुक्ति को अहम माना जा रहा है. उनके सख्त प्रशासनिक अनुभव से शिक्षक भर्तियों में गड़बड़ियों पर लगाम लगने और प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है.