योगी सरकार ने 67 IAS अधिकारियों का क‍िया प्रमोशन, चार प्रमुख सचिव और 19 बने सचिव; ल‍िस्‍ट

67 IAS Promotion In UP

67 IAS Promotion In UP

67 IAS Promotion In UP: उत्तर प्रदेश में नए साल की शुरुआत के साथ ही प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव हुआ है. शासन ने 1 जनवरी से प्रभावी होने वाले आदेशों के तहत 67 आईएएस अधिकारियों के प्रमोशन की घोषणा की है. इसमें 2001 बैच के चार अधिकारी प्रमुख सचिव बनाए गए हैं, जबकि 2010 बैच के 19 अधिकारियों को सचिव या कमिश्नर रैंक में पदोन्नत किया गया. इसके अलावा, 2013 बैच के अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड वेतनमान और 2022 बैच को सीनियर टाइम स्केल दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारियों के प्रमोशन से प्रदेश में अधिकारियों की जिम्मेदारी और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को नई दिशा मिलने की उम्मीद है.

प्रमुख सचिव और सचिवों की नई तैनाती

इस प्रमोशन के आदेश कार्मिक विभाग के प्रमुख एम. देवराज ने जारी किए हैं. सूत्रों के अनुसार, लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी का फेरबदल हो सकता है क्योंकि उनका पद सचिव रैंक में पदोन्नत होगा. इसके साथ ही अन्य आईएएस अधिकारियों के भी तबादले किए जा सकते हैं. शशि भूषण लाल सुशील, अजय कुमार शुक्ला, अपर्णा यू और एसवीएस रंगाराव को प्रमुख सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है. 2010 बैच के कुछ अधिकारियों को प्रमोशन के बाद कमिश्नर पद की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है. ये तैनाती प्रशासनिक कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए की गई हैं.

सेलेक्शन ग्रेड और सुपरटाइम वेतनमान

इसके अलावा कई अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड और सुपरटाइम वेतनमान दिया गया है. अखंड प्रताप सिंह, कुमार प्रशांत, नेहा शर्मा, मोनिका रानी, शंभू कुमार, योगेश कुमार, नितीश कुमार, भवानी सिंह खंगारौत, संदीप कौर, दुर्गाशक्ति नागपाल और रवीन्द्र कुमार जैसे अधिकारी सुपरटाइम वेतनमान प्राप्त करेंगे. इसके साथ ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात बालाजी, आशुतोष निरंजन और सुजीत कुमार को भी प्रमोशन दिया गया है. 2013 बैच के अधिकारियों में दिव्या मित्तल, राजकमल यादव, प्रियंका निरंजन और सत्येन्द्र कुमार सहित अन्य अधिकारियों को सेलेक्शन ग्रेड वेतनमान प्रदान किया गया है.

प्रशासनिक बदलाव क्यों जरूरी है?

इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल से उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में नई गति आने की उम्मीद है. अधिकारियों की नई जिम्मेदारियों से क्षेत्रीय और विभागीय कार्यों में सुधार संभव होगा. प्रमोशन प्राप्त अधिकारियों की तैनाती से शासन की नीतियों को तेजी से लागू करने में मदद मिलेगी और विकास कार्यों में प्रभावी निगरानी सुनिश्चित होगी. यह बदलाव न सिर्फ आईएएस अधिकारियों के करियर के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि पूरे प्रदेश में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को भी मजबूती प्रदान करेगा.