यूपी का नया जिला कल्याण सिंह नगर! इन दो जिलों से होगा जन्म, CM योगी जल्द ले सकते हैं एक्शन

UP Going To Get 76th District

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अलीगढ़ : UP Going To Get 76th District: उत्तर प्रदेश जल्द ही 76 जिलों वाला राज्य बन जाएगा. अभी सूबे में 75 राज्य हैं. यह जिला दिवंगत पूर्व सीएम कल्याण सिंह के नाम पर होगा. इसका नाम ‘कल्याण सिंह नगर’ होगा. यह जिला अलीगढ़ और बुलंदशहर के 3 तहसीलों को मिलाकर बनेगा. कई वर्षों से इसकी मांग होती चली आ रही है. इससे पूर्व संभल को साल 2011 में नया जिला बनाया गया था.

यूपी में नया जिला बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. यह जिला पूर्व मुख्यमंत्री, राज्यपाल और भाजपा के दिग्गज नेता पद्मविभूषण कल्याण सिंह के नाम पर होगा. कल्याण सिंह के बेटे और पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसके लिए पत्र लिखा था.

अब इस पर अमल शुरू हो गया है. राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव के प्रभारी अधिकारी राम कुमार द्विवेदी की ओर से इसके लिए अलीगढ़ और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगा है. अलीगढ़ की अतरौली और गंगीरी तहसील के अलावा बुलंदशहर की डिबाई तहसील को मिलाकर 'कल्याण सिंह नगर' बनाया जाना है. यह यूपी का 76वां जिला होगा.

राजवीर सिंह ने पत्र में लिखी थीं ये बातें : सीएम योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में राजवीर सिंह ने लिखा था कि 'पिता कल्याण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन समाज और प्रदेश के विकास के लिए समर्पित कर दिया. वे विषम परिस्थितियों में भी अतरौली से लगातार निर्वाचित होते रहे और प्रदेश की राजनीति में एक जननायक के रूप में पहचान बनाई. जनता का मानना है कि कल्याण सिंह ने प्रदेश का चहुंमुखी विकास किया, लेकिन उनकी जन्मभूमि अतरौली को वह विशेष पहचान नहीं मिल सकी जिसकी वह हकदार थी'.

पत्र में आगे लिखा था कि 'कल्याण सिंह का कार्यक्षेत्र अतरौली और बुलंदशहर की डिबाई तहसील तक फैला रहा है. यह इलाका आज भी विकास की दृष्टि से पिछड़ा है और लंबे समय से नए जिले की मांग करता आ रहा है. इसलिए इस क्षेत्र को मिलाकर ‘कल्याण सिंह नगर’ नाम से नया जनपद बनाया जाना जनभावनाओं के अनुरूप होगा'.

आयुक्त ने दिए रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश : राजस्व परिषद के आयुक्त ने दोनों जिलों (अलीगढ़-बुलंदशहर) के डीएम को निर्देश दिया है कि नई तहसील और जिला सृजन के लिए राजस्व एवं प्रशासनिक मानकों के अनुसार औचित्यपूर्ण रिपोर्ट तैयार की जाए. उसे कमिश्नर के माध्यम से परिषद को भेजा जाए. अगर यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है तो कल्याण सिंह नगर के रूप में उत्तर प्रदेश को एक नया जिला मिलेगा. यह न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा बल्कि एक महान जननायक की स्मृति को भी सजीव रखेगा.

इसलिए जरूरी है यह नया जिला : अतरौली, डिबाई और गंगीरी इलाके पिछड़े माने जाते हैं. इनका अन्य क्षेत्रों की तुलना में विकास नहीं हो पाया. इन इलाकों को मिलाकर नया जिला बनने से इनका तेजी से विकास हो सकेगा. इसके अलावा अलीगढ़ और बुलंदशहर के इन इलाकों से जिला मुख्यालय काफी दूर है. 2011 की जनगणना के अनुसार अतरौली तहसील की जनसंख्या 372310 है. अतरौली को जिला बनाने की मांग पहले भी उठी है.

लोग बोले- जिला बनने से मिलेंगी कई सुविधाएं : अतरौली के रहने वाले कुलदीप ने बताया कि जिला बनने से यहां के नागरिकों को कई सुविधाएं मिलेंगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. युवाओं को अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थान मिलेंगे. इलाके के मदनपाल ने बताया कि नया जिला बनने से तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे. लोगों को जिले के हिसाब से सुविधा मिलेगी. वहीं एडवोकेट नीलिमा पाठक ने बताया कि अतरौली को जिला बनने से अधिवक्ताओं को सबसे बड़ा फायदा होगा. जिला बनने से लोगों को जिले से संबंधित सुविधाएं मिलेंगी.

कासगंज का नाम बदलने का भी पारित हुआ था प्रस्ताव : सन 2021 में कासगंज जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में कासगंज का नाम बदलकर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह के नाम पर रखने का प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया था. वहीं, डिबाई में कई संगठन लगातार कल्याण सिंह के नाम पर जिला बनाने की मांग करते आ रहे हैं. बुलंदशहर की जिला निर्माण संघर्ष समिति ने भी दिसंबर 2024 में अनूप शहर, डिबाई और शिकारपुर क्षेत्र को शामिल कर नया जिला बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज कर मांग की थी.

फरेंदा को भी जिला बनाने के लिए मांगा था प्रस्ताव : साल 2024 में महराजगंज के फरेंदा तहसील मुख्यालय को जिला बनाने के लिए प्रस्ताव मांगा गया था. जिले को 2 हिस्सों में बांटने की तैयारी थी. राजस्व विभाग ने गोरखपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर इसके लिए प्रस्ताव मांगा था. नए जिले में गोरखपुर के जिले के कैंपियरगंज, महराजगंज के फरेंदा और नौतनवा इलाके को शामिल किया जाना था.

साल 2011 में संभल बना था जिला : साल 2011 में 28 सितंबर को संभल को यूपी का 75वां जिला घोषित किया गया था. इस जिले में 826 सामुदायिक विकास खंड, 200 नगर पालिका परिषद, 17 नगर निगम, 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, 546 नगर पंचायत और 75 जिला पंचायत मौजूद हैं. यहां 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतें हैं.

अतरौली ने यूपी को दिए दो मुख्यमंत्री : अतरौली ने उत्तर प्रदेश को दो मुख्यमंत्री दिए. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह व चंद्रभानु गुप्त का नाम आता है. इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद नेता अशोक सिंघल भी अतरौली इलाके से थे. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक वीरेश यादव के पिता बाबू सिंह यादव भी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे. वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह यहां से विधायक हैं. वह उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री हैं.

अब कल्याण सिंह के बारे में जानिए : अतरौली कल्याण सिंह का गढ़ रहा है. वह यहां से विषम परिस्थितियों में भी चुनाव जीतते थे. कल्याण सिंह का जन्म अतरौली के गांव मढौली के किसान परिवार में 5 जनवरी 1932 को हुआ था. अपने राजनीतिक जीवन में वह सिर्फ 2 बार चुनाव हारे थे. कल्याण सिंह 10 बार विधायक और 2 बार सांसद रहे. वह पहली बार 1962 का चुनाव हारे थे. फिर 1967, 1969, 1974 में लगातार अतरौली से विधानसभा चुनाव जीते. इस बीच वह आपातकाल में 1975 और 1977 में जेल भी गए. 1977 में चौथी बार फिर जीते और स्वास्थ्य मंत्री बने.

इंदिरा गांधी लहर में 1980 का चुनाव वह हार गए थे. साल 1985 में वह फिर से जीते. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने. 1989 में फिर जीत कर नेता विधायक दल और 1991 में जीत दर्ज कर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 1993 में नेता विधायक दल के नेता बने. इसके बाद साल फिर से जीतकर दोबारा मुख्यमंत्री बने. वह भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे. हालांकि 1999 में भाजपा से अलग होकर राष्ट्रवादी क्रांति पार्टी बनाई. 2004 में फिर भाजपा से बुलंदशहर से सांसद बने. साल 2009 में एटा से निर्दलीय सांसद बने. 2014 में राजस्थान के राज्यपाल बने. कुछ समय के लिए वह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.