लखनऊ के ऐतिहासिक रिफाह-ए-आम क्लब को LDA ने कराया कब्जा मुक्त, बुलडोजर ने तोड़े दुकान-मकान

Riphah E Aam Club History

Riphah E Aam Club History

Riphah E Aam Club History: लखनऊ के ऐतिहासिक रिफाह-ए-आम क्लब को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने मंगलवार को कड़ा कदम उठाया. भारी पुलिस बल और बुलडोजरों के साथ पहुंची एलडीए की टीम ने क्लब परिसर में अवैध रूप से बने दुकानों और मकानों को ध्वस्त कर दिया. कार्रवाई के दौरान कुछ दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने विरोध जताया, लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते विरोध बेअसर रहा.

एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि 2.18 लाख वर्गफीट में फैला रिफाह-ए-आम क्लब नजूल संपत्ति है. 1886 में इसे 99 साल की लीज पर आवंटित किया गया था, जो 1985 में समाप्त हो गई. इसके बाद क्लब को एलडीए को सौंप दिया गया. वर्तमान में भवन का बड़ा हिस्सा जर्जर हो चुका है. एलडीए उपाध्यक्ष के पूर्व निरीक्षण के बाद इसे विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए थे.

क्लब का कायाकल्प करने की योजना

क्लब परिसर को हेरिटेज लुक वाली बाउंड्रीवॉल से सुरक्षित किया जाएगा, जो इसकी ऐतिहासिक सुंदरता को बढ़ाएगी. साथ ही, सड़कों, पाथ-वे, हॉर्टीकल्चर और लाइटिंग जैसे कार्य किए जाएंगे. क्लब को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालित करने की योजना है, जिसके लिए जल्द टेंडर जारी होंगे. इससे लखनऊ वासियों को मैरिज लॉन, कैफेटेरिया और स्पोर्ट्स जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

अवैध कब्जों पर चला बुलडोजर

एलडीए के अनुसार, क्लब के कुछ हिस्सों पर 22 दुकानदारों और कुछ परिवारों ने अवैध कब्जा कर रखा था. 25 अगस्त तक कब्जा हटाने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन अनुपालन न होने पर मंगलवार को बुलडोजर से कार्रवाई की गई. एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि विस्थापित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो.

रिफाह-ए-आम क्लब का गौरवशाली इतिहास

19वीं सदी में अंग्रेजों के एमबी क्लब में भारतीय रजवाड़ों के प्रवेश पर रोक थी, जहां ‘इंडियन्स एंड डॉग्स आर नॉट अलाउड’ का अपमानजनक बोर्ड लगा था. इससे आहत होकर ओयल, महमूदाबाद और मनकापुर एस्टेट के राजाओं ने 1860 में कैसरबाग में रिफाह-ए-आम क्लब की स्थापना की. यह क्लब लखनऊ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है. एलडीए की इस कार्रवाई से क्लब को अतिक्रमण से मुक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. साथ ही, इसके पुनर्विकास से लखनऊ को एक नया सांस्कृतिक और सुविधा केंद्र मिलने की उम्मीद है.