Lord Shri Krishna

भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए होली पर करें ये उपाय, बनी रहेंगी खुशियां

krishan

To please Lord Shri Krishna, do these measures on Holi, happiness will remain.

होली हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस साल होली का त्योहार 25 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन राधा रानी और भगवान कृष्ण के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। होली के दिन लोग विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, जिसके शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करते हैं, उनके रिश्ते में मधुरता बनी रहती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ-साथ इस दिन राधा-कृष्ण स्तोत्र और अष्टकम का पाठ करना चाहिए। यह बहुत ही शुभ माना जाता है।

॥श्री राधा कृष्ण अष्टकम॥
चथुर मुखाधि संस्थुथं, समास्थ स्थ्वथोनुथं ।
हलौधधि सयुथं, नमामि रधिकधिपं ॥

भकाधि दैथ्य कालकं, सगोपगोपिपलकं ।
मनोहरसि थालकं, नमामि रधिकधिपं ॥

सुरेन्द्र गर्व बन्जनं, विरिञ्चि मोह बन्जनं ।
वृजङ्ग ननु रञ्जनं, नमामि रधिकधिपं ॥

मयूर पिञ्च मण्डनं, गजेन्द्र दण्ड गन्दनं ।
नृशंस कंस दण्डनं, नमामि रधिकधिपं ॥

प्रदथ विप्रदरकं, सुधमधम कारकं ।
सुरद्रुमप:अरकं, नमामि रधिकधिपं ॥

दानन्जय जयपाहं, महा चमूक्षयवाहं ।
इथमहव्यधपहम्, नमामि रधिकधिपं ॥

मुनीन्द्र सप करणं, यदुप्रजप हरिणं ।
धरभरवत्हरणं, नमामि रधिकधिपं ॥

सुवृक्ष मूल सयिनं, मृगारि मोक्षधयिनं ।
श्र्वकीयधमययिनम्, नमामि रधिकधिपं ॥

॥श्री राधा कृष्ण स्तोत्र॥
वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम् ।
सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृते: परम् ॥

राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतम् ।
राधासेवितपादाब्जं राधावक्षस्थलस्थितम् ॥

राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम् ।
राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम् ॥

राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम् ।
राधासहचरं शश्वत् राधाज्ञापरिपालकम् ॥

ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धा: सिद्धेश्वराश्च यम् ।
तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम् ॥

निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम् ।
नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम् ॥

य: सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम् ।
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ॥

बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम् ।
वेदवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम् ॥

योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ।
गन्धर्वेण कृतं स्तोत्रं य: पठेत् प्रयत: शुचि: ।
इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम् ॥

हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोकं च निरामयम् ।
पार्षदप्रवरत्वं च लभते नात्र संशय: ॥

यह पढ़ें:

सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला पर्व है होली, देखें क्या है खास

छोटी होली पर करें कपूर के ये उपाय, देखें क्या है खास

22 March 2024 Ka Panchang: जानिए शुक्रवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय