To avoid election duty, a male teacher was shown as a pregnant woman

चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए पुरुष शिक्षक को दर्शाया गर्भवती महिला , डीसी ने तुरंत प्रभाव से जांच बिठाई, होगी सख्त कार्रवाई 

To avoid election duty, a male teacher was shown as a pregnant woman

To avoid election duty, a male teacher was shown as a pregnant woman

To avoid election duty, a male teacher was shown as a pregnant woman- जींद (नीरज सिंगला )। चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए व्यक्ति कैसे-कैसे तरीके अपनाते हैं, इसका एक उदाहरण जींद में देखने को मिला है। 

जिला के गाँव डाहौला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय द्वारा जिला प्रशासन के पास भेजे गए कर्मचारियों के डाटा में पीजीटी हिंदी के पद पर कार्यरत शिक्षक सतीश कुमार को न केवल महिला कर्मचारी दर्शाया, बल्कि गर्भवती होना भी दर्शाया गया है। यह मामला जब जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा के समक्ष आया तो उन्होंने न केवल आश्चर्य प्रकट किया बल्कि तुरंत  प्रभाव से जांच बैठाई है। इस मामले को निर्वाचन आयोग और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के पास भी भेजा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि चुनाव को संपन्न करवाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लेकर क्लास वन तक के अधिकारी भी शामिल होते हैं। कर्मचारियों के पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी के अलावा एसएसटी, एफएसटी,  वीडियो सर्विलेंस टीम, वीडियो वीविंग टीम, फ्लाइंग स्क्वेड आदि अनेक टीमों में ड्यूटी होती है।

चुनाव को निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से संपन्न करवाने के लिए अधिकारी और कर्मचारियों के लिए जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न तरह की जरूरी कार्यशालाओं का भी आयोजन करवाया जाता है, जिसमें उनको ईवीएम के बारे में बारीकी से जानकारी दी जाती है ताकि किसी भी स्तर पर कोई चूक ना रहे। इसी बीच जिला प्रशासन के पास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा चुनावी ड्यूटी से छुटकारा पाने के लिए सिफारिश पहुंचती हैं, लेकिन चुनावी ड्यूटी से छूट जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुरूप केवल किसी विशेष परिस्थिति में ही दी जाती है।

जींद के गांव डाहौला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से जिला प्रशासन के पास भेजे गए कर्मचारियों के डाटा में यहां पर कार्यरत पीजीटी शिक्षक सतीश कुमार को महिला कर्मचारी होने के साथ-साथ गर्भवती होना भी दर्शाया गया है, चूंकि चुनावी ड्यूटी लगाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर गर्भवती महिला होने पर डाटा को नहीं उठाता। ऐसे में सतीश कुमार की कहीं भी ड्यूटी नहीं लगी।

जब यह मामला जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी मोहम्मद इमरान रजा के समक्ष रखा गया तो डीसी ने इस मामले पर आश्चर्य प्रकट करते हुए ठोस कार्रवाई शुरू की। डीसी ने वीरवार को इस केस में सीधे रूप से जुड़े पीजीटी सतीश कुमार, स्कूल प्राचार्य अनिल कुमार और स्कूल के कंप्यूटर ऑपरेटर मंजीत को अपने ऑफिस में तलब किया और उनसे कई बार इस आश्चर्यजनक मामले के बारे में यह पूछा कि यह सब कैसे हुआ है, लेकिन तीनों ने इसमें अपनी अनभिज्ञता जाहिर की। इस दौरान डीसी ऑफिस में मौजूद डीआईओ सुषमा देसवाल ने डीसी को बताया कि कुछ लोगों ने उनके पास आकर इस केस की मौखिक रूप से जानकारी दी थी और मामले की जांच करवाने की मांग की थी। इस पर उन्होंने डाटा देखा तो यह सही पाया गया

डीसी ने बैठाई जांच कमेटी

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि कर्मचारी चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए इस तरह का कदम भी उठा सकते हैं, इसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। यह अपने आप में एक अनूठा और आश्चर्यजनक मामला है। उन्होंने बताया कि इस मामले में नगराधीश एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी नमिता कुमारी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बैठाई गई है। जांच कमेटी द्वारा इस सारे मामले की छानबीन की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ-साथ इस केस की रिपोर्ट शिक्षा विभाग और निर्वाचन आयोग के पास में ही भेजी जाएगी।