इस बार की गुरू पूर्णिमा है खास....क्योंकि बन रहा इंद्र और वैधृति योग

इस बार की गुरू पूर्णिमा पर दो विशेष योग बन रहे है. ये योग है इंद्र और वैधृति योग. ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों योगों का विशेष महत्व बताया गया है. कहा गया है कि इन योगों में गुरू की पूजा करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति अवश्य ही हो जाएगी.
इस दिन गुरु के महत्व का विशेष रूप से वर्णन किया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा पर गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इसी दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाकाव्य महाभारत की रचना की थी.
इस साल की गुरु पूर्णिमा के दिन शुभ योग बन रहा है. इस योग में आप जो भी शुभ कार्य करते हैं. वह सफल सिद्ध होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि आषाढ़ पूर्णिमा की शुरुआत 10 जुलाई रात 02 बजकर 43 मिनट पर हो रही है और समाप्ति अगले दिन यानी 11 जुलाई रात 01 बजकर 53 मिनट पर हो रही है. उदयातिथि के अनुसार 10 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी.
महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा को महाभारत की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसलिए इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन वेद व्यास जी ने चारों वेदों की रचना की थी. इस दिन गुरु अपने शिष्यों को दीक्षा भी देते हैं. इस दिन सभी लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं.