भारत के उदय पर दुनिया की गहराई से नज़र, लेकिन डरने की ज़रूरत नहीं: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

भारत के उदय पर दुनिया की गहराई से नज़र, लेकिन डरने की ज़रूरत नहीं: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

World is keeping a Close Eye on India's Rise

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डॉ. त्रिवेदी ने पंजाब विश्वविद्यालय में दिया चौथा श्री बलरामजी दास टंडन मेमोरियल लेक्चर

चंडीगढ़, 27 जुलाई 2025: World is keeping a Close Eye on India's Rise: राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दुनिया भारत के तेजी से बढ़ते प्रभाव को ध्यान से देख रही है, लेकिन किसी को हमसे डरने की आवश्यकता नहीं है। वे आज पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित चौथे बलरामजी दास टंडन मेमोरियल लेक्चर को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। यह आयोजन वरिष्ठ नेता और प्रतिष्ठित राजनेता स्वर्गीय बलरामजी दास टंडन की स्मृति में किया गया।

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डॉ. त्रिवेदी ने उन्हें समाज का “पथ प्रदर्शक दीपक” बताते हुए कहा कि आरएसएस, भाजपा और क्षेत्र के लिए उनका योगदान आज हमारे संगठन की मजबूत नींव है। “वाये ए स्ट्रोंग इंडिया स्कार्स दी वर्ल्ड” यानि  “एक सशक्त भारत दुनिया को क्यों डराता है” विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक रूप से तेज़ी से उभरा है। उन्होंने बताया कि भारत आज वैश्विक डिजिटल लेनदेन का 48 प्रतिशत कर रहा है, 50 प्रतिशत बिजली क्षमता स्वच्छ ऊर्जा से है और यह प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला देश है। आईएमएफ और मॉर्गन स्टेनली के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक विकास का इंजन बन चुका है और 16 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।

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उन्होंने कहा कि भारत की ताकत केवल आर्थिक, सैन्य या बौद्धिक क्षमता में नहीं, बल्कि उसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति में भी निहित है। संयुक्त राष्ट्र में योग पर पारित प्रस्ताव, जिसे 177 देशों ने सहप्रायोजित किया, भारत की सॉफ्ट पावर का उदाहरण है। आतंकवाद पर भारत की नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने उरी सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयरस्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब भारत आतंक को बर्दाश्त नहीं करता और ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि परमाणु धमकियां भारत को प्रभावित नहीं कर सकतीं।

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उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कार्रवाई रात 1:05 बजे शुरू होकर 1:27 बजे समाप्त हुई और 1:30 बजे पाकिस्तान को सूचित किया गया कि यह हमला केवल आतंकियों पर था। पाकिस्तान इस संदेश को समझ नहीं पाया और उसका छिपा आतंकवाद समर्थन उजागर हो गया। उन्होंने कहा कि लगातार युद्ध की स्थिति आधुनिक दुनिया में संभव नहीं है और आज दुनिया चीन के विकल्प के रूप में निवेश के लिए भारत की ओर देख रही है।

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डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि भारत आज रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम और अमेरिका से एडवांस ड्रोन पाने वाला इकलौता देश है। “रूस किसी क्वाड देश को हथियार नहीं देता और अमेरिका किसी ऐसे देश को रक्षा उपकरण नहीं देता जो रूस से हथियार लेता हो। यह भारत की कूटनीतिक कुशलता का प्रमाण है।” उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के लिए अधिक उत्सुक है, जो भारत की आर्थिक ताकत को दर्शाता है।

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इस अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. रेणू विग ने विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक योगदान और उपलब्धियों का उल्लेख किया। 

इससे पहले, मेज़बान फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री संजय टंडन ने श्री बलरामजी दास टंडन की शिक्षाओं और उच्च नैतिक मूल्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1965 और 1971 के युद्धों और कोविड-19 महामारी के विभिन्न उदाहरणों को साझा किया, अपने पिता के मूल्यों से तुलना की और सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा और कर्मयोगी होने के महत्व पर ज़ोर दिया।

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भाजपा पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अश्वनी शर्मा ने बलरामजी दास टंडन को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार देने की मांग दोहराई और उनके साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए। 

अंत में पीयू रजिस्ट्रार प्रो. वाई.पी. वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर मेयर हरप्रीत कौर बबला, आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष, पंजाब भाजपा के उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा, चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा और जाने माने रोटेरियन आर के साबू भी मौजूद रहे।