Pradosh Vrat

Pradosh Vrat: साल का अंतिम प्रदोष व्रत होगा खास, देखें पूजा विधि व शुभ मुहूर्त

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Pradosh Vrat

हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत Pradosh Vrat का विशेष महत्व है। हर मास के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि Trayodashi Date के दिन प्रदोष व्रत Pradosh Vrat रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष उपासना का विधान है और उनकी पूजा Pooja प्रदोष काल अर्थात सूर्यास्त्र के बाद की जाती है।

पौष मास में प्रदोष व्रत के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसे में इस व्रत का महत्व और अधिक बड़ा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव Lord Shiva की उपासना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से वैवाहिक जीवन में आ रही सभी अड़चने दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं कब है वर्ष 2022 का अंतिम प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त और शुभ योग।

प्रदोष व्रत मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 दिसंबर 2022, मंगलवार को रात 11 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इसका समापन 21 दिसंबर 2022, बुधवार के दिन सात 08 बजकर 46 मिनट पर होगा।

ऐसे में उदया तिथि के अनुसार प्रदोष व्रत 21 दिसंबर 2022 21 December 2022 के दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार प्रदोष पूजा का समय 21 दिसंबर के दिन शाम 06 बजकर 49 मिनट से रात 08 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। अर्थात पूजा के लिए कुल अवधि 01 घंटा 57 मिनट है।

प्रदोष व्रत शुभ योग
पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। दोनों योग 21 दिसंबर को प्रात: 07 बजकर 03 मिनट से शुरू होंगे और इसका समापन 22 दिसंबर प्रात: 05 बजकर 03 मिनट पर होगा।

शास्त्रों के अनुसार इन दोनों योग में पूजा-पाठ करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है और भक्तों से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।

 

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