सुखबीर बादल ने CM मान को भेजा कानूनी नोटिस, कहा- सात दिन में मांगें माफी

सुखबीर बादल ने CM मान को भेजा कानूनी नोटिस, कहा- सात दिन में मांगें माफी

Legal Notice to CM Mann

Legal Notice to CM Mann

चंडीगढ़। Legal Notice to CM Mann: मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की निजी संपत्ति सुख विलास को इको टूरिज्म पॉलिसी के तहत 108.73 करोड़ रुपये का लाभ देने के मामले में नया मोड़ आ गया है।

शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री को लीगल नोटिस भेज कर एक सप्ताह के भीतर आरोपों को साबित करने वाले दस्तावेजों को सामने लाने या फिर माफी मांगने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का केस किया जाएगा। शिअद के लीगल सेल के चेयरमैन अर्शदीप कलेर ने कहा, "किसानी मुद्दों पर से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मुख्यमंत्री ने जो आरोप लगाए थे, उसे मुख्यमंत्री को साबित करना चाहिए।

सार्वजिनक रूप से मांफी मांगें सीएम: अकाली दल

अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए नहीं तो एक और केस का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर 29 फरवरी को पत्रकार वार्ता करके आरोप लगाया था कि सुखबीर बादल ने अपनी पावर का प्रयोग करके पीएलपीए जमीन का सीएलयू चेंज करवाया और 2009 में लाई गई ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत होटल सुख विलास बनाया गया।

मुख्यमंत्री का आरोप था कि एसजी-एसटी और वैट में 10 वर्षों के लिए 75 फीसदी की छूट दी गई। जिससे होटल को 85.84 करोड़ का लाभ मिला। बिजली ड्यूटी को 100 फीसदी माफ किया गया। जिससे 11.44 करोड़ रुपये का लाभ मिला। लग्जरी टैक्स, वार्षिक लाइसेंस फीस को 10 वर्षों के लिए माफ किया गया। जिससे 11.44 करोड़ रुपये का लाभ मिला। कुल मिलाकर 108 करोड़ रुपये का लाभ सुख विलास को मिला। साथ ही इस पॉलिसी का लाभ केवल सुख विलास को ही मिला।

सीएलयू चेंज करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास: शिअद

जबकि, अकाली दल का कहना है, पीएलपीए जमीन का सीएलयू चेंज करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। 2008 और 2012 में जब सीएलयू चेंज हुआ उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी। 1 जुलाई 2017 से वैट खत्म हो चुका है। एसजी-एसटी के तहत होटल को 4.29 करोड़ रुपये का इनसेंटिव मिला। बिजली ड्यूटी (बिजली बिल नहीं) से होटल को 11.44 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। मुख्यमंत्री इसका 25 फीसदी भी साबित कर दें। लग्जरी टैक्स 2017 में खत्म हो गया था। लाइसेंस फीस के तहत 73.90 लाख रुपये का इनसेंटिव मिला।

अर्शदीप कलेर ने कहा, बालासर फार्म हाउस को लेकर भी मुख्यमंत्री ने झूठ बोला था। जिस संबंध में मुख्यमंत्री के खिलाफ मुक्तिसर में मानहानि का केस किया गया है। कोर्ट मुख्यमंत्री को सम्मन भेज रही है, वह पेश नहीं हो रहे है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री एक और मानहानि के केस की तैयारी कर लें या फिर लोगों से माफी मांगें।

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