SIR के साइड इफेक्ट! BLO की जिम्मेदारी से परेशान शिक्षिका ने छोड़ दी नौकरी, कई कर्मचारी हो गए बीमार
Teacher resigns from BLO post in Noida
Teacher resigns from BLO post in Noida: नोएडा में एक महिला सहायक अध्यापिका ने बीएलओ यानी बूथ लेवल ऑफिसर के पद से इस्तीफा दे दिया है. अध्यापिका ने अपनी इस्तीफा देने के पीछे की वजह बताई है कि वह शिक्षण कार्य और बेलोपैड दोनों की जिम्मेदारी निभाने में असमर्थ है. जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है. टीचर का लेटर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार महिला टीचर का नाम पिंकी सिंह है. वह नोएडा के सेक्टर 94 स्थित गेझा गांव के उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत है. बताया जा रहा है कि पिंकी सिंह थायराइड की समस्या से ग्रस्त हैं और घर में भी पारिवारिक परेशानियों का सामना कर रही हैं. जिसके चलते उनके ऊपर बीएलओ और सहायक शिक्षिका दोनों के कार्य का बोझ अब असहनीय हो गया है. वह दोनों जिम्मेदारियां नहीं संभाल पा रही हैं.
टीचर ने अपने इस्तीफे वाले लेटर में इस बात का जिक्र किया है कि वह सहायक अध्यापिका है और उसका बीएलओ नंबर 206 है. उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने कुल 215 फीड किए हैं. अब वह अपने जॉब से रिजाइन दे रही हैं. इसमें उन्होंने लिखा कि यह काम उनसे हो नहीं रहा है. उन्होंने लेटर में यह भी लिखा है कि उनसे या तो शिक्षक का कार्य हो पाएगा या फिर बीएलओ का. उन्होंने लेटर में यह भी जानकारी मांगी है कि वह अपनी निर्वाचन सामग्री किसे सौंप सकती हैं?
SIR कार्य के चलते बढ़ा दबाव
सहायक अध्यापिका पिंकी सिंह ने अपने लेटर में कहा है कि वह दोनों जिम्मेदारियां एक साथ नहीं निभा पा रही हैं. साथ ही ये भी जानकारी सामने आई है कि वह स्वास्थ्य से संबंधी समस्याओं से भी जूझ रही हैं. हालांकि इसका जिक्र उन्होंने लेटर में नहीं किया है. उन्होंने दोहरी जिम्मेदारी से परेशान होकर यह इस्तीफा दिया है. फिलहाल उनका इस्तीफा मंजूर हुआ है या नहीं इसकी जानकारी सामने नहीं आई है.
60 बीएलओ पर एफआईआर
एसआईआर में लापरवाही पर नोएडा में गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है. जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी मेधा रूपम के निर्देश पर जिन लोगों ने लिस्ट संशोधन काम में लापरवाही बरती है उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है. 60 बीएलओ और 7 सुपरवाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मामले में पहले ही प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.