Records sought from Haryana government

हरियाणा सरकार से मांगा रिकार्ड: विधानसभा कमेटी ने पूछा कितने दलितों व पिछड़ों को दी प्रमोशन

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हाईकोर्ट में जनवरी माह में होगी केस की सुनवाई

Records sought from Haryana government- चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा की कमेटी ने प्रदेश सरकार से प्रथम और द्वितीय श्रेणी पदों पर पदोन्नति में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों की रिपोर्ट मांग ली है। पदोन्नति में आरक्षण की निगरानी कर रही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति ने सरकार से पूछा है कि 17 अगस्त से सात अक्टूबर तक प्रदेश में कितने अनुसूचित कर्मचारियों और अधिकारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिया गया है।

सरकार द्वारा पदोन्नति में दिए जाने वाले आरक्षण के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट पहले ही राहत दे चुका है। हाई कोर्ट ने पुलिस निरीक्षक से डीएसपी की पदोन्नति के लिए डीपीसी की बैठक पर लगी रोक हटाते मामले की सुनवाई 29 जनवरी तक स्थगित कर दी है। पदोन्नति में आरक्षण देने के खिलाफ कुछ पुलिस निरीक्षकों ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि एससी और एसटी के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का निर्धारण करने के लिए संख्यात्मक डेटा का संग्रह पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने के लिए एक बुनियादी आवश्यकता है। इसके उलट प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार डेटा एकत्र किए बिना पदोन्नति में आरक्षण प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं।

विधानसभा समिति द्वारा रिकार्ड तलब किए जाने के बाद मानव संसाधन विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक, मंडलायुक्त, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उपायुक्तों और सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार से वांछित जानकारी मांगी है।

हरियाणा विधानसभा की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी समिति 18 अक्टूबर 2013 से पदोन्नति में आरक्षण की पैरवी कर रही है। 

मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विगत 17 अगस्त को सभी विभागों को अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के संबंध में डेटा/जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश जारी कर दिए थे। इसके बाद सात अक्टूबर को सरकार ने सभी विभागों, बोर्ड-निगमों और वैधानिक निकायों में पदोन्नति में आरक्षण का नियम लागू कर दिया। अब समिति जानना चाहती है कि अभी तक कितने कर्मचारियों और अधिकारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिया गया है।