Uday Pratap under house arrest: राजा भैया के पिता उदय प्रताप तीसरे दिन भी नजरबंद, 10 समर्थकों को भी किया गया हाउस अरेस्ट

Uday Pratap under house arrest: राजा भैया के पिता उदय प्रताप तीसरे दिन भी नजरबंद, 10 समर्थकों को भी किया गया हाउस अरेस्ट

Uday Pratap under house arrest: राजा भैया के पिता उदय प्रताप तीसरे दिन भी नजरबंद

Uday Pratap under house arrest: राजा भैया के पिता उदय प्रताप तीसरे दिन भी नजरबंद, 10 समर्थकों को भी

Uday Pratap under house arrest: शुक्रवार से हाउस अरेस्ट किए गए राजा भदरी उदय प्रताप सिंह को तीसरे दिन रविवार को भी नजर रखा गया। किले के गेट सहित सभी निकास द्वारों पर भारी पुलिस बल की तैनाती रही। कुंडा इलाके के शेखपुर आशिक गांव के बाहर मोहर्रम के मद्देनजर बनाए गए मस्जिद नुमा गेट को हटवाने की मांग को लेकर उदय प्रताप सिंह ने बुधवार को कुंडा तहसील में अनशन पर बैठ गए थे। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। उनको मनाने की तमाम कोशिशें की गईं लेकिन मजहबी गेट को हटाए बिना वह धरना खत्म करने के लिए तैयार नहीं हुए।

गुरुवार को डीएम और एसपी भी उन्हें मनाने पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने उनके साथ बैठकर खाना खाया लेकिन वह धरना खत्म करने के लिए तैयार नहीं हुए। प्रशासन ने कानून व्यवस्था को बिगड़ने का हवाला देकर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को उस समय हाउस अरेस्ट कर लिया जब वह शुक्रवार को स्नान और पूजन के लिए अपने किले में गए थे।

Uday Pratap under house arrest: रविवार को भी जारी रही पाबंदी

कुंडा एसडीएम ने कोतवाली कुंडा की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया था। अपने आदेश में मजिस्ट्रेट ने कहा था कि कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के मद्देनजर उदय प्रताप सिंह को हाउस अरेस्ट किया जा रहा है। यह पाबंदी सात अगस्त को सायं पांच बजे तक रहेगी।

Uday Pratap under house arrest: मोहर्रम आते ही बढ़ जाता है तनाव

कुंडा का शेखपुर आशिक गांव प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर है। मोहर्रम आते ही इस गांव को लेकर प्रशासन की परेशानी बढ़ जाती है। गांव में बवाल की आशंका में भारी फोर्स तैनात कर दी जाती है। वर्ष 2013 में इस गांव में विवाद की शुरुआत हुई, जिसका निस्तारण आज तक नहीं हो सका है।

वर्ष 2011 में शेखपुर आशिक गांव में एक बंदर की मौत हो गई थी। जिस स्थान पर बंदर की मौत हुई थी वहां हनुमानजी का मंदिर बना दिया गया। वर्ष 2013 में भदरी किला निवासी उदय प्रताप सिंह ने पूजापाठ के साथ ही मोहर्रम के दिन यहां भंडारे का आयोजन शुरू कर दिया। वर्ष 2013 में भंडारा हुआ और मोहर्रम की दसवीं पर ताजिया भी निकला। वर्ष 2014 में दोनों चीजों एक साथ हुईं।