डॉ. बलबीर सिंह द्वारा नशे की आदी महिलाओं के लिए कपूरथला और अमृतसर में ‘वन स्टॉप इंटीग्रेटेड प्रोग्राम’ का लॉन्च

DR BALBIR SINGH LAUNCHES ‘ONE STOP INTEGRATED PROGRAM

DR BALBIR SINGH LAUNCHES ‘ONE STOP INTEGRATED PROGRAM

— पायलट चरण की सफलता के बाद कार्यक्रम को सभी जिलों में लागू किया जाएगा: स्वास्थ्य मंत्री

— यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग और पंजाब पुलिस के आपसी सहयोग से लागू किया जा रहा है

चंडीगढ़, 25 अगस्त: DR BALBIR SINGH LAUNCHES ‘ONE STOP INTEGRATED PROGRAM: नशों के खिलाफ जारी मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ के अंतर्गत नशे की आदी महिलाओं को दरपेश विभिन्न चुनौतियों के समाधान हेतु ऐतिहासिक कदम उठाते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज पहले चरण में कपूरथला और अमृतसर जिलों में “नशीले पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं के लिए वन स्टॉप इंटीग्रेटेड प्रोग्राम” का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग पंजाब और पंजाब पुलिस के कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन द्वारा आपसी सहयोग से लागू किया जा रहा है।

इस पहल की जानकारी देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम को “पंजाब मॉडल फॉर वीमेन ड्रग यूजर्स” नाम दिया गया है और इसका उद्देश्य राज्यभर में नशे की आदी महिलाओं को मानक स्वास्थ्य उपचार प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम इस तथ्य पर बल देता है कि महिलाओं को पुरुषों से भिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें नशे के अलग-अलग पैटर्न, ओवरडोज़ से उच्च मृत्यु दर और इलाज के बाद पुनः नशा करने की संभावना शामिल है।

कपूरथला के सफल पायलट प्रोजेक्ट का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत 241 महिलाओं को पंजीकृत कर उन्हें विविध स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। इस एकीकृत पैकेज में मेडिकल, सर्जिकल और गायनेकोलॉजिकल जांच, गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की देखभाल तथा हानि-निवारण सेवाएं शामिल थीं। इसके अलावा एचआईवी, हेपेटाइटिस बी व सी की जांच व इलाज, क्षय रोग (टीबी) की देखभाल, यौन संचारित संक्रमण का इलाज और काउंसलिंग की सेवाएं भी दी गईं। इस कार्यक्रम के तहत 81 महिलाओं को ओटी (ओपिओइड ट्रीटमेंट) क्लीनिक में इलाज के लिए सहायता दी गई और 80 महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा गया। उल्लेखनीय है कि यहां पंजीकृत चार गर्भवती महिलाओं में से तीन ने स्वस्थ शिशुओं को जन्म दिया।

सरकार की पुनर्वास संबंधी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि “नशा एक बीमारी है, अपराध नहीं।” उन्होंने कहा कि हमें पीड़ितों से सहानुभूति के साथ व्यवहार करना चाहिए और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने नशे से प्रभावित महिलाओं के पुनर्वास में पारिवारिक सहयोग की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम को लागू करने संबंधी बात करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि कपूरथला मॉडल की सफलता पूरे राज्य के लिए एक मिसाल बनेगी। कार्यक्रम के राज्यव्यापी क्रियान्वयन के पहले चरण में इसे पायलट आधार पर कपूरथला और अमृतसर में लागू किया गया है। पायलट चरण की सफलता के बाद इसे सभी जिलों में शुरू किया जाएगा।

इस पहल का स्वागत करते हुए विशेष पुलिस महानिदेशक (कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन) गुरप्रीत कौर दियो ने कहा कि नशा करने वाली महिलाओं को सामाजिक कलंक और बहिष्कार का सामना करना पड़ता है, जिससे वे इलाज के लिए आगे आने से झिझकती हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं के लिए उपचार सेवाएं लगभग न के बराबर हैं। यह पहल नशे की आदी महिलाओं हेतु स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को पूरा करने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस का कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन अमृतसर और कपूरथला जिलों में कम्युनिटी पुलिसिंग पहल के तहत पायलट प्रोजेक्टों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रयास न केवल नशे की आपूर्ति और मांग के चक्र को तोड़ेगा, बल्कि सभी नागरिकों के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के प्रति सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाएगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य कुमार राहुल, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. हितिंदर कौर, उपनिदेशक डॉ. रोहिनी गोयल और मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ. संदीप भोला भी उपस्थित थे।