फाजिल्का हत्या मामले में वांछित लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार; ग्लॉक पिस्टल बरामद

Two Members Arrested of Lawrence Bishnoi Gang

Two Members Arrested of Lawrence Bishnoi Gang

— गिरफ्तार आरोपी हत्या करने के बाद नेपाल भाग गए थे, पंजाब में सनसनीखेज अपराध को अंजाम देने के लिए लौटे: डीजीपी गौरव यादव
— पंजाब में अपराधों को अंजाम देने के बाद गिरोह के सदस्य अक्सर नेपाल भाग जाते हैं: एडीजीपी प्रमोद बान

चंडीगढ़, 14 अगस्त: Two Members Arrested of Lawrence Bishnoi Gang: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर संगठित अपराधों के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम के तहत बड़ी सफलता हासिल करते हुए, पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए जी टी एफ ) ने पटियाला-अंबाला हाईवे के पास गांव शंभू के नजदीक लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो वांछित सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीमों ने उनके कब्जे से ऑस्ट्रिया निर्मित 9 मिमी ग्लॉक पिस्टल और छह जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। यह जानकारी आज यहां पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अक्षय डेलू और अंकित बिश्नोई उर्फ कक्कड़, दोनों निवासी गांव खैरपुर, अबोहर, फाजिल्का के रूप में हुई है। गिरफ्तार आरोपी अपने विदेशी हैंडलरों अनमोल बिश्नोई और आरज़ू बिश्नोई के इशारों पर काम कर रहे थे।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उक्त आरोपी हत्या करने के बाद नेपाल भाग गए थे और पंजाब में एक सनसनीखेज अपराध को अंजाम देने के लिए अपने विदेशी हैंडलरों के निर्देशों पर वापस लौटे थे।

उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी आपराधिक इतिहास वाले हैं और उनके खिलाफ पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, आर्म्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट से जुड़े 15 से अधिक गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने आगे कहा कि वे 2 मई 2025 को फाजिल्का में भारत रतन उर्फ विक्की की हाल ही में हुई हत्या में भी वांछित थे।

डीजीपी ने कहा कि इस मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच जारी है।

इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद बान ने बताया कि पुलिस को दोनों आरोपियों के राज्य में प्रवेश करने की सूचना मिली थी।

एडीजीपी ने बताया कि इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए विशेष टीमें गठित की गईं, जिन्होंने अंबाला-पटियाला हाईवे पर आरोपियों को ट्रैक किया और सुबह तड़के गांव शंभू के पास उन्हें दबोच लिया। उनके कब्जे से एक आधुनिक हथियार बरामद किया गया।

गिरोह के अपराध करने के तरीकों के बारे में जानकारी देते हुए डीआईजी एजीटीएफ गुरमीत चौहान ने बताया कि अपने हैंडलरों द्वारा दिए गए आपराधिक कार्यों को अंजाम देने के बाद यह गिरोह आमतौर पर नेपाल भाग जाता था और छुपने के लिए अपने साथियों या विदेशी हैंडलरों द्वारा उपलब्ध कराए गए ठिकानों का इस्तेमाल करता था।

इस संबंध में एफआईआर नंबर 6, दिनांक 14/8/25 को एसएएस नगर के थाना पंजाब स्टेट क्राइम में भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस ) की धारा 111 (3) (5) और आर्म्स एक्ट की धारा 25 (6) (7) के तहत दर्ज की गई है।