किरण बेदी अब पंजाब की नई गवर्नर; देश की पहली महिला IPS, टेनिस चैंपियन, अमृतसर में जन्म, पुडुचेरी की उप-राज्यपाल रहीं

India First Female IPS Kiran Bedi Punjab New Governor Order Update
Kiran Bedi Punjab Governor: देश की पहली महिला आईपीएस (India First Female IPS) किरण बेदी (74 साल) अब पंजाब की नई गवर्नर होंगी। बनवारी लाल पुरोहित के इस्तीफे के बाद किरण बेदी की पंजाब गवर्नर पद पर नियुक्ति की गई है। इससे पहले किरण बेदी पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर रह चुकी हैं। वह 28 मई 2016 से 16 फरवरी 2021 तक पुडुचेरी की 24th लेफ्टिनेंट गवर्नर रहीं। लिहाजा किरण बेदी किसी राज्य में एक गवर्नर की जिम्मेदारी पहली बार संभालेंगी।
किरण बेदी के निडर स्वभाव को लेकर कई किस्से सुनने को मिलते हैं। वह अपने निडर, बेबाक और धाकड़ स्वभाव के लिए बेहद चर्चित हैं। किरण बेदी की पूरे देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान है। वह किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। किरण बेदी साल 2010-11 के दौरान अन्ना हज़ारे और अरविंद केजरीवाल के एंटी करप्शन मूवमेंट का हिस्सा भी रहीं हैं। किरण बेदी पूर्व टेनिस चैंपियन, रिटायर्ड आईपीएस और भारतीय राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। किरण बेदी ने समाज सुधार की दिशा में कई सराहनीय काम किए हैं। वह महिलाओं के लिए हमेशा आगे रहीं हैं। बेदी को लिखने का भी शौक है। उनकी एक चर्चित किताब फियरलेस गर्वेंनेस यानि निर्भीक प्रशासन है।
1972 में पहली महिला IPS बनी थीं किरण बेदी
साल 1972 में किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल होने वाली पहली महिला थीं। देश की पहली महिला आईपीएस होने के चलते किरण बेदी उस समय भी लोगों के बीच खूब सुर्खियों में रहीं और देश के पुलिस इतिहास में उनका नाम पहली महिला आईपीएस के रूप में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। किरण बेदी ने पुलिस सेवा में रहते हुए कई अहम और बड़े पदों पर काम किया और उन्होने अपनी हर जिम्मेदारी बखूबी निभाई। जिसके लिए उनकी हमेशा सराहना होती है। अपने उम्दा कार्यों के लिए किरण बेदी कई बार सम्मानित की गईं। पुलिस सेवा में रहते किरण बेदी को राष्ट्रपति सम्मान भी मिल चुका है।
दिल्ली में बतौर ACP पहली पोस्टिंग
आईपीएस में शामिल होने के बाद किरण बेदी ने दिल्ली, गोवा, चंडीगढ़ और मिजोरम में अपनी सेवा दी। लेकिन उनकी पहली पोस्टिंग 1975 में दिल्ली के चाणक्यपुरी सबडिवीजन में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक (ACP) हुई थी। इस दौरान आईपीएस किरण बेदी को 1979 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। वहीं इसके बाद जब किरण बेदी की पश्चिमी दिल्ली में पोस्टिंग की गई तो वह महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कम करने में खूब सक्रियता दिखाई। नतीजतन पश्चिमी दिल्ली में किरण बेदी के रहते महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी दर्ज की गई। इसके बाद किरण बेदी को दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में डीसीपी बना दिया गया।
उठवा ली थी इंदिरा गांधी की कार
बताते हैं कि, जब 1982 में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में किरण बेदी सक्रिय हुईं तो उन्होने एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सीबीआई के निदेशक तक की गाड़ी उठवा ली थी। कहा जता है कि, किरण बेदी को उस समय दिल्ली की सड़कों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। ऐसे में वह ट्रैफिक व्यवस्था को समझने के लिए अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली का नक्शा लेकर भ्रमण करती थीं। इस दौरान उन्हें रास्ते में या नो पार्किंग में कोई वाहन खड़ा हुआ मिलता था तो वह उसे क्रेन से उठवा लिया करती थीं। उस वक्त उन्होंने दिल्ली की सड़कों को जाममुक्त करने के लिए सड़कों पर अवैध रूप से खड़ी और नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को उठा लिया था। इन गाड़ियों में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सीबीआई के निदेशक तक की गाड़ी भी उठवा ली गई थी।
हालांकि किरण बेदी ने ट्रैफिक पुलिस में रहने के दौरान 1982 में दिल्ली में एशियाई खेलों और 1983 में गोवा में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक के लिए यातायात व्यवस्था की देखरेख की। इसके बाद उन्होंने उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त के रूप में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ नवज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन अभियान चलाया. जिसका नाम बदलकर बाद में नवज्योति इंडिया फाउंडेशन कर दिया गया।
तिहाड़ जेल को दिलाई अलग पहचान
मई 1993 में बेदी को दिल्ली तिहाड़ जेल में महानिरीक्षक (आईजी) के रूप में तैनात किया गया था। तिहाड़ जेल में पोस्टिंग होने के बाद किरण बेदी वहां बदलाव लाने में जुट गईं। बेदी ने तिहाड़ जेल में कई सुधार किए। किरण बेदी के रहते भारत की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल पहली बार पूरी दुनिया के आगे अच्छी वजह से चर्चाओं में आई थी। आईपीएस किरण बेदी ने जेल का माहौल इस कदर बदल दिया था कि सब लोग हैरान थे। बेदी ने तिहाड़ जेल में कई बदलाव कर कैदियों के जीवन को नई दिशा दी।
बेदी ने तिहाड़ के अंदर विपस्सना सेंटर की शुरुआत कराई, ताकि अपराधियों को जुर्म की दुनिया से निकालकर समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। इसी पहल का नतीजा था कि साल 2014 में 60 से ज्यादा कैदियों को कई नामी कंपनियों में नौकरी मिली। बताया जाता है कि एक कैदी ने तो जेल में रहते हुए यूपीएसी (UPSC) की परीक्षा भी पास कर ली थी। तिहाड़ जेल में इन बदलावों और सुधारों के लिए बेदी को वर्ष 1994 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) से नवाजा गया था।
संयुक्त राष्ट्र पुलिस प्रमुख रहीं किरण बेदी
यही नहीं किरण बेदी के कामों की ख्याति इस कदर फैली हुई थी कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र पुलिस (United Nations Police) प्रमुख बनने का मौका मिला। 2003 में बेदी संयुक्त राष्ट्र पुलिस की प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र शांति संचालन विभाग में पुलिस सलाहकार नियुक्त होने वाली पहली भारतीय और पहली महिला बनीं थीं। इस तरह से किरण बेदी ने आईपीएस रहते विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए 2007 में पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक के पद पर रहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। किरण बेदी ने आईपीएस रहते 35 वर्षों तक पुलिस सेवा की। सामाजिक सक्रियता और लेखन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने पुलिस सेवा छोड़ने का फैसला किया था।
9 जून 1949 को अमृतसर में जन्मी थीं किरण बेदी
किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को अमृतसर में एक समृद्ध पंजाबी व्यवसायी परिवार में हुआ था। किरण बेदी का पालन-पोषण हिंदू और सिख दोनों परंपराओं में हुआ। बेदी की शिक्षा अमृतसर के एक सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल में हुई। उन्होंने पढ़ाई के दौरान राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में भाग लिया था। जब वह 9वीं कक्षा में थी तो उन्होंने कैंब्रिज कॉलेज में दाखिला लिया, जो एक निजी संस्थान है, यहां उन्होंने साइंस स्ट्रीम में शिक्षा ली और मैट्रिक परीक्षा के लिए तैयारी की। जब सेक्रेड हार्ट में बेदी के सहपाठियों ने कक्षा 9 की परीक्षा उत्तीर्ण की थी तब बेदी कक्षा 10 (मैट्रिकुलेशन) की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी थीं।
इसके बाद सन 1964-68 में उन्होंने शासकीय कन्या महाविद्यालय, अमृतसर से अंग्रेजी साहित्य ऑनर्स में स्नातक तथा सन 1968-70 में चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की। 1970 से 1972 तक बेदी ने अमृतसर में खालसा कॉलेज फॉर वुमेन में पढ़ाया। वह राजनीति विज्ञान से संबंधित पाठ्यक्रम पढ़ाती थीं। बाद में भारतीय पुलिस सेवा में अपने करियर के दौरान बेदी ने 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से कानून में स्नातक की डिग्री और 1993 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली पीएचडी की उपाधि भी हासिल की।
टेनिस चैंपियन रहीं किरण बेदी
अपने पिता से प्रेरित होकर बेदी ने 9 वर्ष की उम्र में टेनिस खेलना शुरू कर दिया था। 1965 और 1978 के बीच उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चैंपियनशिप में कई खिताब जीते। वहीं बेदी को 1966 में राष्ट्रीय जूनियर टेनिस चैंपियन का ताज पहनाया गया था। बताते हैं कि, किरण बेदी अपने होने वाले पति बृज बेदी से अमृतसर के टेनिस कोर्ट पर मिली थीं। बृज उनसे 9 वर्ष बड़े थे, उस समय वह विश्वविद्यालय स्तर पर टेनिस खेलते थे। 9 मार्च 1972 को दोनों ने स्थानीय मंदिर में एक सादे समारोह में शादी के बंधन में बंध गए। उनकी एक बेटी है जिसका नाम सुकृति है। बृज बेदी का 2016 में निधन हो गया था।