Panipat Three Died in Chemical Tank: हरियाणा के पानीपत में खौफनाक मंजर, केमिकल टैंक में मरे मिले 3 लोग, परिजन बोले- हत्या की गई

हरियाणा के पानीपत में खौफनाक मंजर; केमिकल टैंक में मरे मिले 3 लोग, परिजन बोले- हत्या की गई, SSP ने कहा- भरपाई कराई जाएगी

Panipat Three Workers Dead in Chemical Tank

Panipat Three Workers Dead in Chemical Tank

Panipat Three Workers Dead in Chemical Tank: हरियाणा के पानीपत में गांव जलालपुर के नजदीक स्थित गोरजा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड में काम करने वाले 3 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। तीनों यहां केमिकल टैंक में मरे मिले। जिसके बाद मौके पर हड़कंप मच गया और आसपास मौजूद लोगों ने इसकी सूचना डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को दी। वहीं सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस भी मौके पर आई। फायर ब्रिगेड ने जद्दोजहद के साथ तीनों को केमिकल टैंक से बाहर निकाला और अफरा-तफरा के बीच तीनों को सिविल अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद तीनों को औपचारिक तौर पर मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद तीनों के शव मोर्चरी में रखवाने की तैयारी शुरू की गई ताकि शवों का पोस्टमार्टम किया जा सके और मौत के कारणों का पता लगने के साथ पुलिस आगे की कार्रवाई कर सके।

परिजनों ने किया हंगामा, नहीं दे रहे थे शव

इधर मृतकों के परिजनों और उनके साथ गुस्साए लोगों ने जमकर हंगामा किया। परिजन मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को देने के लिए राजी नहीं थे। उनका आरोप है कि, तीनों की केमिकल टैंक में गिरकर मौत नहीं हुई है बल्कि उनकी हत्या की गई है। उनके शरीर पर चोट के निशान हैं। परिजनों का आरोप है कि, सबूत मिटाने के लिए मौके से सीसीटीवी कैमरे भी हटाए गए। फिलहाल एसएसपी मयंक मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालने का प्रयास किया और परिजनों से बातचीत कर उन्हें समझाया और यह भरोसा दिलाया कि पुलिस-प्रशासन उनके साथ खड़ा है और जो भी इसका जिम्मेदार है उससे बड़े स्तर इसकी भरपाई कराई जाएगी।

 

रविवार रात तीनों फैक्ट्री में मौजूद थे

बताया जाता है कि, रविवार रात तीनों फैक्ट्री में मौजूद थे और इसके बाद फिर इनकी मौत की खबर ही मिली। तीनों मृतकों में पहचान गांव रसलापुर निवासी कुर्बान, गांव जलालपुर निवासी इस्लाम और गांव रसलापुर निवासी सुरेश के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि इस्लाम और कुर्बान दोनों चाचा-भतीजा थे। जो कि फैक्ट्री से कैमिकल ट्रैक्टर में भरकर ड्रेन में छोड़ने का काम करते थे। वहीं सुरेश फैक्टरी में इलेक्ट्रिक फिटर था। बताया जाता है कि, गोरजा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड में चादर और कंबल का उत्पादन होता है। इससे निकलने वाले दूषित कैमिकल युक्त पानी को बेसमेंट में करीब 15 फुट गहरे और 20 फुट लंबे टैंक में जमा किया जाता था। यह कैमिकल वाला पानी रिसाइकिल कर दोबारा प्रयोग करने योग्य भी किया जाता है। जानकारी के मुताबिक इस टैंक की क्षमता करीब 7000 लीटर की है। बताया जा रहा है कि फैक्टरी मालिक कैमिकल युक्त पानी को चोरी से रात 7 से सुबह 6 बजे तक ड्रेन में ट्रैक्टर टैंकरों के द्वारा डलवाता है।


रिपोर्ट- मनदीप कुमार