पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने देश के सशस्त्र बलों को बदनाम करने के इमरान खान के प्रयासों की निंदा की

पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने देश के सशस्त्र बलों को बदनाम करने के इमरान खान के प्रयासों की निंदा की

पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने देश के सशस्त्र बलों को बदनाम करने के इमरान खान के प्रयासों की निंदा की

पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने देश के सशस्त्र बलों को बदनाम करने के इमरान खान के प्रयासों की निंदा की

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सोमवार को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम और सशस्त्र बलों पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की विवादास्पद बयानों की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्ताव में कहा गया है कि सदन इमरान खान के उस साक्षात्कार की निंदा करता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर प्रतिष्ठान ने सही फैसला नहीं लिया तो पाकिस्तान तीन हिस्सों में बिखर जाएगा और पाकिस्तान सेना को तबाह कर दिया जाएगा।

प्रस्ताव में कहा गया है कि पाकिस्तान की सेना ने देश की रक्षा के लिए महान बलिदान दिए हैं, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ युद्ध भी शामिल है, जिसके लिए सदन उसे श्रद्धांजलि देता है। इसमें कहा गया है कि सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय मंत्री अयाज सादिक ने अपने भाषण के दौरान कहा कि इमरान खान ने सत्ता की लालसा में बड़ी बातें कह दीं, जिससे उन्हें अंदेशा है कि भविष्य में पाकिस्तान को नुकसान होगा।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कई जानें कुर्बान की हैं। सादिक ने कहा, जो शख्स यह कहता है कि पाकिस्तान तीन हिस्सों में बिखर जाएगा.. पता नहीं, उसने मुल्क के राज किस-किस को बताए होंगे। उन्होंने कहा कि इमरान खान परमाणु कार्यक्रम के बारे में बात करते हैं, जो जुल्फिकार अली भुट्टो द्वारा शुरू किया गया था और नवाज शरीफ द्वारा खत्म किया गया था।

सादिक ने कहा, ऐसा लगता है कि वह (इमरान खान) भी नक्शों में खंडित पाकिस्तान दिखाने वालों शामिल थे, क्योंकि देश के अलग होने वाली टिप्पणी इसका समर्थन करती है। उन्होंने कहा, हम अपने राजनीतिक जुड़ाव और पार्टियों को महत्व देते हैं, लेकिन इस्लाम और पाकिस्तान से ज्यादा प्रिय कुछ नहीं है। मंत्री ने कहा कि इमरान खान जिस दिन से सत्ता गंवाए हैं, तब से वह बेहूदा बयान दे रहे हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि जिन सांसदों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए, समझा जाएगा कि वे इमरान खान के बयान के पक्ष में हैं।

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