expansion in new year

ऑनलाइन सेवाएं भ्रष्टाचार से मुक्ति का साधन, नए साल में हो विस्तार

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Online services means to get rid of corruption: नववर्ष में हरियाणा और पंजाब जैसे विकासशील राज्यों के सामने प्रगति के नए आयाम स्थापित करने का लक्ष्य स्पष्ट निर्धारित है। हरियाणा ने बीते वर्ष विभिन्न मोर्चों पर विकास के नए पैमाने स्थापित किए हैं और नए वर्ष में यह उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए और ठोस कदम उठाएगी। इसी प्रकार पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार राज्य का कायाकल्प करने में जुटी है, उसके सामने अनेक चुनौतियां दरपेश हैं, लेकिन विकास का एजेंडा सामने रखकर चल रही सरकार की विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम जनता की सुविधाओं को बढ़ा रहे हैं और नूतन वर्ष में भी इनके जारी रहने की उम्मीद की जानी चाहिए।

 हरियाणा में मनोहर लाल सरकार Manohar Lal Sarkar के चार वर्ष बीत चुके हैं, और अगले वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीते चार वर्षों में सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, निकाय, सरकारी क्षेत्र में नौकरियां, भ्रष्टाचार पर कार्रवाई समेत अन्य कार्यों को अंजाम दिया है, लेकिन सरकार की सबसे उपयोगी योजना परिवार पहचान पत्र, प्रॉपर्टी आईडी एवं अन्य ऑनलाइन सेवाएं हैं। इन सेवाओं के लागू होने से आम व्यक्ति का जीवन आसान हुआ है और सरकारी विभागों में जाकर लाइन में लगने और अपने काम के लिए कर्मचारियों से माथापच्ची की दुविधा खत्म हो गई है। गठबंधन सरकार ने जमीन की फर्द और इंतकाल जैसे दुरुह कार्यों को भी ऑनलाइन कर दिया है।

राजस्व विभाग Revenue Department के तहत आने वाले पटवारियों से काम करवाना किसी के लिए भी टेढ़ी खीर होता था, लेकिन सरकार के प्रयासों से इस विभाग में अब जितनी पारदर्शिता आई है, उतनी पहले कभी नहीं रही। राज्य में बुजुर्गों को पेंशन का आधार परिवार पहचान पत्र बन गया है, 60 वर्ष की निर्धारित आयु पूरी करते ही सरकार की ओर से खुद पेंशन बनाई जाएगी। यह अपने आप मे अनूठी योजना है, जिसका अनुसरण अब दूसरे राज्यों की सरकारें भी कर रही हैं। मुख्यमंत्री की ओर से अब परिवार पहचान पत्र में चिन्हित आय के आधार पर काटे गए राशन कार्डों के धारकों को दोगुना राशन देने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की घोषणा की गई है।

गौरतलब है कि विपक्ष विशेषकर कांग्रेस की ओर से प्रदेश में ऑनलाइन सेवाओं पर ऐतराज जताया जा रहा है। कांग्रेस के नेताओं का यह भी कहना है कि उनकी सरकार आने पर परिवार पहचान पत्र, प्रॉपर्टी आईडी समेत अन्य पोर्टल आधारित सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा। प्रत्येक राजनीतिक दल जब चुनाव में उतरता है तो उसके मुद्दे होते हैं, जब वह जीतकर आता है तो पहला कार्य पूर्व सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को बंद करने का होता है। ऐसे में उन योजनाओं का जनता को फायदा मिलना बंद हो जाता है।

आज का समय ऑनलाइन सेवाओं का ही है। यह करने में मुश्किल लगता है, लेकिन युवा पीढ़ी जोकि किसी सरकारी दफ्तर में जाकर लाइन में लगने के बजाय फ्री या फिर एक फीस अदा कर अपने कार्य करवाना पसंद करती है, उसके लिए विपक्ष की ऐसी बातें चिंताजनक हैं। होना तो यह चाहिए कि विपक्ष सरकार से ऐसी योजनाओं की खामियों को दुरुस्त करने की मांग करे और इसके लिए अभियान चलाए, हालांकि यहां तो फिर से सरकारी दफ्तरों में लाइन लगवाने का दौर शुरू करवाने की बात हो रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल Chief Minister Manohar Lal ने भी ऐसी बातों का विरोध करते हुए जनता से ऑनलाइन सेवाओं के संबंध में जनता से समर्थन की मांग की है।

बेशक, एक राजनीतिक दल को अपने एजेंडे पर काम करने की छूट है, जनमत का निर्माण करने के लिए उसे अपनी योजनाएं पेश करने की भी आजादी है, लेकिन जनता जिन बातों से गुमराह हो, राजनीतिक दलों को इससे परहेज करना चाहिए। बीते समय में प्रदेश और दूसरे राज्यों में अनेक ऐसे उदाहरण हैं जब राजनेताओं ने घोर गुमराह करने वाले बयान दिए हैं। कोरोना वैक्सीन को लेकर भी यूपी में एक राजनेता ने बयान दिया था, हालांकि उसके बाद कोरोना ने जो कोहराम मचाया, उससे पूरा देश हिल गया। आज का समय सरकारी सेवाओं को ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन करने का है।

यह कहना हास्यास्पद है कि सरकार वेब पोर्टल पर चल रही है और मंत्रियों का क्या काम रह गया है। दरअसल, इंटरनेट की ताकत का असली परिचय तो अब सामने आ रहा है, सरकारी दफ्तरों में किस तरह काम हो रहे हैं, कितने समय में हो रहे हैं आदि का पता सेवाओं के ऑनलाइन होने से चल रहा है। अब देश के किसी भी कोने में बैठकर कोई अपने शहर, गांव की जमीन-मकान पर नजर रख सकता है, प्रॉपर्टी आईडी से जमीनों पर अवैध कब्जा अब बीते समय की बात हो गई है। ऑनलाइन सेवाओं की वजह से अब भ्रष्टाचार पर अंकुश लग चुका है, जहां पर ऑनलाइन सेवाएं नहीं हैं, वहीं भ्रष्टाचार के विषाणु जिंदा हैं।

 आज हरियाणा की पहचान देश के विकसित राज्यों में होने लगी है और इसका कारण सरकार की नीतियों के साथ-साथ प्रत्येक हरियाणवी की मेहनत और अथाह परिश्रम भी है। मौजूदा गठबंधन सरकार ने हरियाणा एक -हरियाणवी एक के मंत्र पर चलते हुए प्रदेश का एक समान विकास सुनिश्चित किया है, जिसके फलस्वरूप आज समाज का प्रत्येक वर्ग नीतियों के साथ खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नए साल में एक लाख युवाओं को पढ़ाई तथा नौकरी के लिए कौशल विकास के माध्यम से विदेश भेजने का भी वादा किया है, इसके अलावा बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने और किसानों की जमीन का डिजिटल रिकार्ड ठीक करने का भी वादा किया है।

हरियाणा Haryana में इस वर्ष नगर निगमों के चुनाव भी होने हैं, बीते वर्ष पंचायतों के चुनावों के जरिए गांवों की सरकारें बनी हैं, वहीं इस बार शहरी अपनी सरकार चुनेंगे। जाहिर है, यह वर्ष राज्य सरकार के लिए तमाम चुनौतियों और संभावनाएं लेकर आया है। हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों का विकास देश का आधार है, इन राज्यों की खुशहाली देश के माथे पर सुकून लाती है। ऐसे में दोनों राज्यों की सरकारों का यह दायित्व है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में उन सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए काम करें जिससे ज्यादा से ज्यादा जनकल्याण हो। 

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