On Kalashtami, please Kaal Bhairav ​​in this way
BREAKING
चंडीगढ़ के उद्योगपति एमपी चावला की बड़ी जीत; डा. लाल पैथ लैब से खाली कराया अपना परिसर, कोर्ट के आदेश से कब्जा हटा, पढ़िए चंडीगढ़ के धनास में निकली जगन्नाथ रथ यात्रा; 'महाप्रभु' की जय-जयकार से गूंजा क्षेत्र, भक्ति भाव में झूमते दिखे लोग, गजब उल्लास दिखा 11 लड़कियों से शादी के लिए 1900 लड़कों का आवेदन; इंटरव्यू के बाद 11 सिलेक्ट, लड़कियों की राय ली, घर-रोजगार को देखा गया CM भगवंत मान की आज मैरिज एनिवर्सरी; पत्नी गुरप्रीत कौर ने लिखा- मेरे हमसफ़र को शादी की सालगिरह मुबारक, आप बुलंदियों पर रहें पंजाब में यात्रियों से भरी बस पलटी; कई लोगों की मौत से हाहाकार, कार से टक्कर के बाद हुआ भीषण हादसा, CM मान ने जानकारी ली

कालाष्टमी पर काल भैरव को इस तरह करें प्रसन्न, मिलेगा मनचाहा वर, देखें क्या है खास

Kal-bhairo

On Kalashtami, please Kaal Bhairav ​​in this way

हिंदू धर्म में काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना गया है। कालाष्टमी का पर्व भगवान भैरव को समर्पित है। यह त्योहार प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार ज्येष्ठ माह में कालाष्टमी 30 मई को मनाई जाएगी।

इस दिन काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्रभु की उपासना करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। यदि आप भी काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो कालाष्टमी के दिन पूजा के दौरान काल भैरव अष्टक स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इससे पूजा सफल होगी और मनचाहा वर मिलेगा। 

काल भैरव अष्टक
देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं

व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम।

नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं

नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम।

कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं

श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम।

भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं

भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम।

विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं

कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम।

स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं

नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम।

मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं

दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम।

अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं

काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम।

नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥॥

यह पढ़ें:

सुख-समृद्धि के लिए रोजाना करें ये काम, नहीं होगी धन की कोई कमी, देखें क्या है खास

संकष्टी चतुर्थी पर करें राशि अनुसार मंत्रों का जाप, देखें क्या है खास

शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी वैशाख पूर्णिमा, देखें क्या है खास