Mediation failed in the dispute related to detention of Devta Banad ji and Devta Deshmoli ji in Pujarli itself, the court fixed the hearing of the case for August 8.

देवता बनाड़ जी और देवता देशमौली जी को पुजारली में ही रोके जाने से जुड़े विवाद में मध्यस्थता विफल हुई; कोर्ट ने मामले की सुनवाई 8 अगस्त के लिए की निर्धारित

Mediation failed in the dispute related to detention of Devta Banad Ji and Devta Deshmoli Ji in Pujarli itself, the court fixed the hearing of the case for August 8.

शिमला:देवता बनाड़ जी और देवता देशमौली जी को पुजारली में ही रोके जाने से जुड़े विवाद में मध्यस्थता विफल हो गई है। हाईकोर्ट ने 31 मार्च 2023 को आदेश दिए थे कि इस मामले को आपसी सहमति से मध्यस्थता के माध्यम से निपटाया जाए। इसके लिए हाईकोर्ट ने मध्यस्थ की नियुक्ति की थी। इस मामले को आपसी सहमति से निपटाने की पहल करते हुए न्यायाधीश विरेंदर सिंह ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा था। वार्ता असफल होने की बात कोर्ट को बताते हुए पक्षकारों ने मेरिट के आधार पर सुनवाई किए जाने की मांग की।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई 8 अगस्त के लिए निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि रोहडू के शराचली और जुब्बल तहसील के 6 गावों में देवताओं के आगमन पर रोक से जुड़े मामले पर सुनवाई चल रही है। 300 वर्षों से अधिक चली आ रही पुरानी ब्रांशी परंपरा के खिलाफ देवता बनाड़ और देवता देशमौली को रोहडू के शराचली क्षेत्र के पुजारली गांव मंदिर में ही रोके जाने के मामले में हाईकोर्ट ने एसडीएम रोहडू व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रोहडू शिमला के आदेशों पर रोक लगाने के आदेश पारित किए थे। एसडीएम रोहडू ने प्रत्येक वर्ष रोटेशन आधार पर शराचली क्षेत्र के 7 गावों में इन देवताओं की पूजा अर्चना में बाधा उत्पन्न करने वाले लोगों को पुरानी परंपरा में दखल देने से रोकने के आदेश दिए थे।

पुजारली में है देवता क्यांलू महाराज का मंदिर

मामले के अनुसार शराचली क्षेत्र के 7 गांव झराशली अथवा झगटान, रोहटान, मंडल, जखनोर पुजारली, थाना, शील अथवा तुरन, और ढाडी घूंसा के तीन आराध्य देवता देवता क्यांलू महाराज, देवता बनाड़ और देवता देशमौली हैं। देवता क्यांलू महाराज जी का एक स्थाई मंदिर पुजारली में है। शराचली और जुब्बल तहसील के कई गांवों के लाखों लोगों की देवता बनाड और देवता देशमौली के लिए अटूट आस्था है। एसडीएम के पास शिकायत कर्ताओं के अनुसार देवता बनाड़ और देवता देशमौली क्षेत्र के सभी गावों में रोटेशन आधार पर हर एक गांव में एक एक वर्ष के लिए जाते रहे हैं। इस परंपरा को ब्रांशि कहा जाता है। जब भी ये देवता प्रत्येक गांव में बने अपने मंदिर में आते हैं तो एक उत्सव का माहौल बनता है और सभी लोग देवता के आगमन को उनका आशीर्वाद समझते हैं।