सोशल मीडिया पर अहंकारी कमेंट्स की मंडी

सोशल मीडिया पर अहंकारी कमेंट्स की मंडी

Market of arrogant comments

Market of arrogant comments

Market of arrogant comments: वर्तमान समय के प्रतिस्पर्धात्मक और अनिश्चितता से भरा होने के कारण समाज में एक ऐसा माहौल बन रहा है जो लोगों के लिए  तनावपूर्ण और अस्थिरता की स्थिति महसूस करवा रहा  है, एवं उन्हें अवसाद और असंतोष की ओर खींच रहा है। इस माहौल में, लोग  अपनी सामाजिक स्थिति, वित्तीय स्थिति, करियर और अन्य क्षेत्रों में अन्य जन द्वारा की गई  प्रतिक्रियाओं के माध्यम से स्वयं का मूल्यांकन करते हैं।

यह अवसाद का ही  परिणाम है कि आजकल किसी की भी सोशल मीडिया पोस्ट पर अहंकारी टिप्पणी के माध्यम से नफरत के भाव देखने को मिल रहे  है I बेशक लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक होता है किन्तु राजनीति और धर्म के चक्रव्यूह में फंसकर किसी की भी  पोस्ट पर भद्दे अहंकारी  और भद्दे कमेंट ये सोचने को मजबूर करते हैं कि हम किस तरह के सभ्य समाज का हिस्सा खुद को समझते है I सोशल मीडिया की पोस्ट पर कमेंट करने की आदत के फलस्वरूप नफरत और असहमति के भाव को बढ़ावा मिल रहा है, और यह एक चिंताजनक विकृति है जो समाज को नुकसान पहुंचा रही है। लोग अक्सर अनदेखा करते हैं कि उनके व्यवहार का दूसरों के मन पर क्या प्रभाव हो सकता है I अपनी अहंकारी टिप्पणियों को सार्वजनिक रूप से साझा करने के बारे में आज हम तनिक भी विचार नहीं करते। नफरत से भरे कमेंट्स से न केवल उनकी खुद की छवि पर असर पड़ता है, बल्कि समाज में भी नकारात्मकता को बढ़ावा मिलता है। अभी हाल ही में कॉंग्रेस की वरिष्ठ नेत्री द्वारा भाजपा द्वारा कंगना रानावत को लोकसभा के टिकट दिए जाने पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करना ये दिखलाता है कि मर्यादा की सीमाएं किस हद तक लांघकर एक नया उदहारण पेश किया जा सकता है । हालांकि सुप्रिया ने अपने कमेन्ट बारे सोशल मीडिया हैंडल के गलत उपयोग होने बारे आपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है किन्तु फिर भी कहीं से उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का तो इसका इस्तेमाल हुआ ही भले ही अनाधिकृत तौर पर ही सही जो कि विकृत मानसिकता का परिचायक तो है ।

सोशल मीडिया पर सभ्य और समझदार रहना महत्वपूर्ण है और यह मंच निश्चित ही हमें विभिन्न विचारों और धाराओं के साथ समझौते करने, सहमति में जीवन बिताने का अवसर प्रदान करता है। लेकिन यदि हम अपनी नफरत से भरी टिप्पणियों को साझा करते हैं, तो इससे न केवल हमारे खुद के विचारों को नकारात्मक रूप से प्रदर्शित किया जाता है, बल्कि यह अन्य लोगों को भी प्रभावित कर सकता है और सामाजिक सहयोग और समर्थन को कम कर सकता है। एक सभ्य समाज में, हमें सोशल मीडिया मंच  पर साहसिक, सहज और समझदार रूप से व्यवहार करने की जरूरत है। हमें अपने विचारों को सार्वजनिक रूप से साझा करते समय और दूसरों के विचारों का सम्मान करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा, हमें सामाजिक मीडिया पर  प्रेरणा और संवाद को प्रोत्साहित करने का प्रयास करना चाहिए, जो समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अहंकार से भरे कमेंट्स करने से पहले, हमें सोचना चाहिए कि हमारे शब्द किस प्रकार का प्रभाव डाल सकते हैं और क्या हम अपने सम्बंधित विषयों पर सजगता और समझ के साथ चर्चा कर रहे हैं। हमें सोशल मीडिया पर सही और मूल्यवान विचारों का समर्थन करना चाहिए, जो समाज में समृद्धि और सहयोग को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा, हमें अच्छे उदाहरण स्थापित करने के लिए सक्षम होना चाहिए, ताकि अन्य लोग हमें अनुकरण कर सकें और समाज को प्रेरित कर सकें।

अहंकार, चाहे वह राजनीति के क्षेत्र में हो या सामाजिक परिवेश में, व्यक्ति और समाज के लिए हानिकारक हो सकता है। यह एक अहम संघर्ष प्रतिरोध है, जो समाज में विभाजन, असहमति, और विश्वासघात उत्पन्न कर सकता है। व्यक्तिगत या सामाजिक स्तर पर, अहंकार अन्य लोगों के साथ सहयोग और संबंधों को प्रभावित कर सकता है। अत: मीडिया पोस्ट पर बेवजह टिप्पणी से उपजे विवाद  का समाधान करने के लिए, लोगों को अपने अहंकार को जानने, समझने, और नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है। 

अहंकार, अकड़पन, और अतिविश्वास जैसी गुणों का होना वास्तव में लोगों के जीवन को खोखला  बना सकता है। अहंकार और अकड़पन से भरा हुआ व्यक्ति अक्सर अन्य लोगों को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति बना लेता है, जो समाज में सामंजस्य और खुशहाली को प्रभावित कर सकता है। लेकिन, यह भी सत्य है कि कई बार लोग बेवजह टिप्पणी करने में चूर रहते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि कभी-कभी लोग अहंकार और अकड़पन के पीछे छिपे हुए असली व्यक्तित्व को नहीं देख पाते हैं । इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम समाज में सच्चाई को पहचानें और सच्चाई के पक्ष में खड़े हों। अहंकारी  वचनों से हमेशा परहेज करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे वचन अक्सर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और सम्बन्धों को बिगाड़ सकते हैं। हमारा स्वभाव हमारी छवि को प्रभावित करता है और इसका महत्व है जब हम अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद करते हैं। एक प्रभावशाली, सकारात्मक स्वभाव लोगों को हमारे प्रति आकर्षित कर सकता है और हमारी विजय की दिशा में मदद कर सकता है। जब हम दूसरों के सामने सकारात्मक, समझदार और सहानुभूति पूर्ण रूप से प्रतिष्ठित होते हैं, तो हम उनके साथ संबंध और समझ बढ़ा सकते हैं। यह हमें उनके साथ सहयोग, सार्थकता और समर्थन की संभावना प्रदान कर सकता है।

लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम अपने स्वभाव को और उन गुणों को विकसित करें जो हमें अधिक सफल बनाने में मदद कर सकते हैं। यदि हम अपने स्वभाव को सकारात्मक और निर्मात्मक रूप में बदलने के लिए प्रयासरत रहें, तो हम अपने आसपास के लोगों के साथ संबंध और समझ में सुधार कर सकते हैं।आचार और व्यवहार जब अहंकार से मुक्त होते हैं, तब वे वास्तव में हमारी सज्जनता और समाज में अपनत्व की भावना को प्रकट करते हैं। यदि हम दयालु, सहानुभूतिपूर्ण, और समर्थनीय व्यक्तित्व के साथ अपने आसपास के लोगों के साथ व्यवहार करते हैं, तो हम उनके मन में स्थायित्व और आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हैं।अहंकार मुक्त आचार और व्यवहार वास्तव में हमारे संचार का माध्यम बनते हैं, जो हमें समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करने में मदद करते हैं।