महाशिवरात्रि पर्व: इस पर्व के दिन क्या करें, बता रहे पंडित शशिपाल डोगरा 

महाशिवरात्रि पर्व: इस पर्व के दिन क्या करें, बता रहे पंडित शशिपाल डोगरा 

Mahashivaratri Festival

Mahashivaratri Festival

प्रदेश, देश में व विश्व में किसी बड़े संकट के संकेत

शिमला। Mahashivaratri Festival: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत ही खास महत्व है। हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि(Chaturdashi date of Krishna Paksha) को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस शुभ दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी। 

इस दिन देशभर के सभी शिव मंदिरों में भोलेनाथ की पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से भक्तों के जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि मिलती है। 

महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त / auspicious time of mahashivratri

जाने माने अंक ज्योतिषाचार्य एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा के मुताबिक हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 18 फरवरी 2023 को रात 08 बजकर 02 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है।

पंडित डोगरा कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद भगवान शंकर की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। उन्हें केसर मिला हुआ जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं व चंदन का तिलक लगाएं‌। इसके अलावा बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। "ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय शम्भवाय भवानीपतये नमो नमः" मंत्रों का जाप करें। इस दिन शिव पुराण का पाठ जरूर करें। महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है। 

महाशिवरात्रि के दिन करें ये खास उपाय / Do these special measures on the day of Mahashivaratri

पंडित डोगरा कहते हैं कि भोलेनाथ को बेलपत्र बहुत प्रिय है। महाशिवरात्रि के दिन भक्तों को तीन पत्तों वाला बेलपत्र भोलेनाथ को चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव का अभिषेक दूध, गंगाजल, शहद और दही से करना चाहिए। वहीं, शंकर भगवान को भांग भी बहुत प्रिय है। इसलिए इस दिन भांग को दूध में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके अलावा धतूरा और गन्ने का रस शिव जी को अर्पित करें। इससे जीवन में सुख बढ़ता है। महाशिवरात्रि पर सुबह, दोपहर, शाम और रात, इन चारों प्रहर में रुद्राष्टाध्यायी पाठ करें। अगर आप रुद्राष्टाध्यायी का पाठ नहीं कर पाते हैं तो 'ॐ नमः शिवाय' का जप करते हुए भी शिवजी का अभिषेक कर सकते हैं।
पंडित डोगरा के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष धारण करने और 'ॐ नमः शिवाय' का जप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। 

इसके अलावा इस दिन छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। ऐसा करने से भक्त की धन और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। वह कहते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा को सबसे उत्तम बताया गया है। महाशिवरात्रि के दिन घर में स्फटिक का शिवलिंग लाकर स्थापित करें और रोज इसकी पूजा करें‌। इस उपाय से घर के सारे नकारात्मक प्रभाव दूर जाएंगे। जिस घर में स्फटिक का शिवलिंग होता है, उस घर में किसी प्रकार के वास्तुदोष का अशुभ प्रभाव नहीं होता है।

महाशिवरात्रि के अवसर पर महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख जप करने से व्यक्ति रोग, शोक और कई प्रकार की परेशानियों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है‌। वे कहते हैं कि नियमित इस मंत्र की एक माला भी जप करें तो जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्त रहेंगे। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह वाली तस्वीर को पूजा करने के स्थान पर लगाएं और नियमित रूप से इसकी पूजा करें। ऐसा करने से वैवाहिक रिश्ते में आ रही परेशानियां दूर होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होंगे और जीवन में सुख समृद्धि आएगी। उनका कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाकर 11 बार उनका जलाभिषेक करें। ऐसा करने से संतान से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। 

चार पहर की पूजा का समय / four o'clock worship time

प्रथम पहर 6.41 से  09.47 बजे तक, द्वितीय पहर 09.47 से 12.53 बजे तक, तृतीय पहर 12.53 मध्य रात्रि से 03.58 बजे तक व चतुर्थ पहर का समय 03.58 से सुबह 07.06 बजे तक रहेगा।

18 को शिवरात्रि...अंक गणना के मुताबिक ये रहेगा प्रभाव / Shivratri on 18th… According to numerology this will be the effect

पंडित डोगरा कहते हैं कि अंक ज्योतिष के हिसाब से 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि है। 1+8=9 अंक जो मंगल का अंक है। मंगल जो अग्नि तत्व ग्रह है। 1 सूर्य व 8 शनि के मेल से बनने वाला ये अंक किसी बड़े प्रदेश, देश में व विश्व में किसी बड़े संकट के संकेत देता है। कहीं भूकंप कहीं अग्नि भय व कहीं राजनीतिक संकट पैदा करेगा। देश के कुछ प्रदेशों में होने वाले चुनाव में दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगेगी। 13 फरवरी को सूर्य का कुम्भ राशि में प्रवेश होना भी किसी परीशानी को जन्म देगा। 1 + 3 = 4 अंक जो राहु का अंक है। 18 फरवरी को शिवरात्रि है। 1 + 8 + 1 + 3 = 13 = 1 + 3 = 4 अंक यहां भी राहु का ही अंक आ रहा है। जो शमशान योग बना रहा है। इस कारण किसी को खोने का भय व आने वाले समय में राजनीतिक संकट हो सकता है। नेताओं का वाणी पर सयम नहीं रहेगा व किसी नेता का जेल यात्रा योग बना रहा है।

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