Ludhiana gas incident is painful

Editorial: लुधियाना गैस कांड दर्दनाक, सरकार को उठाने होंगे सख्त कदम

Edit1

Ludhiana gas incident is painful

Ludhiana gas incident is painful: पंजाब के लुधियाना में रविवार सुबह हुआ जहरीली गैस का हादसा बेहद दुखद और त्रासदीपूर्ण है। इस गैस कांड में 11 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई वहीं कई अन्य की हालत बेहद खराब हो गई। यह अपने आप में विचित्र बात है कि जहरीली गैस किसी फैक्टरी आदि से नहीं निकली है, अपितु सीवरेज से निकली है। इस सीवरेज में भी कुछ ऐसा केमिकल डाला गया, जिसके बाद हाइड्रोजन सल्फाइड गैस बनी और उसने आसपास के लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। जिस प्रकार के चित्र सामने आए हैं, उनमें जो जहां था, वहीं ढेर हो गया।

भोपाल गैस कांड की भांति मौत के काले पंजों ने उन निर्दोष लोगों को लील लिया, जोकि सुबह अपने काम पर निकलने की तैयारी में थे या अपने घर पर छुट्टी होने की वजह से आराम कर रहे थे। पंजाब सरकार ने इस हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, जोकि उचित हैं। यह सच सामने आना ही चाहिए कि आखिर ऐसी जानलेवा गैस कैसे सीवरेज में उत्पन्न हो गई। बताया गया है कि जिस जगह गैस का रिसाव हुआ, वहां पर मैनहोल का ढक्कन का टूटा हुआ मिला है, जिससे आशंका व्यक्त की जा रही है कि किसी घर या फिर फैक्टरी से सीवरेज में कोई वेस्ट केमिकल गिराया गया है।

 मारे गए लोगों में ज्यादा उत्तर प्रदेश और बिहार के निवासी हैं। ये सभी लोग यहां रोजगार के सिलसिले में रह रहे थे। निश्चित रूप से यह उन परिवारों के भारी त्रासदी है। किसने सोचा होगा कि दिन का उजाला फैलते ही उनके सामने मौत खड़ी होगी। पंजाब सरकार ने संकट की इस घड़ी में मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर बीमार लोगों को 50-50 हजार रुपये की राहत राशि देने का ऐलान किया है। इस बीच बिहार सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को राहत राशि की घोषणा की है।

गौरतलब है कि इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई है, वहीं दूसरे परिवार के तीन और एक तीसरे परिवार के दो सदस्यों की मृत्यु हुई है। इस हादसे के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मृतकों के परिजनों के साथ सहानुभूति व्यक्त की। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी संवेदना व्यक्त की। निश्चित रूप से यह समय परिवार के लोगों के साथ खड़े होने का है। क्योंकि उन्हें नहीं मालूम था कि वे यहां आकर ऐसे हादसे का शिकार हो जाएंगे। पंजाब सरकार को इस मामले की गहनता से जांच करवाना जरूरी है। सामने आ रहा है कि लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में अनेक फैक्ट्री हैं जोकि सीवरेज  में केमिकल डाल रही हैं। इनका मिक्सचर होने के बाद यह हाइड्रोजन सल्फाइड गैस में बदल जाता है। यह गैस इतनी घातक होती है कि अगर कोई 30 सेकंड के लिए भी इसकी चपेट में आ जाए तो उसकी जान जा सकती है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि गैस ने  मृतकों के दिमाग पर असर किया और उनकी मौत हो गई।

 विभिन्न मीडिया रिपोर्ट में सामने आ रहा है कि घटनास्थल के आधा किलोमीटर के दायरे में 45 से ज्यादा फैक्ट्री ऐसी हैं, जोकि चोरी-छिपे केमिकल का इस्तेमाल करती हैं। ये कपड़ों की रंगाई, निक्कल और कुछ पेंट तैयार करने के लिए कई तरह के केमिकल प्रयोग में लाती हैं। ऐसी भी रिपोर्ट हैं, जिनमें विभाग के लोग ही यह मानते हैं कि इन फैक्ट्रियों में 90 फीसदी यानी 40 के करीब फैक्ट्रियों के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ही नहीं है। ये केमिकल युक्त पानी को चोरी से सीवरेज में बहाती हैं।

दरअसल, ऐसी रिपोर्ट पंजाब के विभिन्न जिलों में केमिकल फैक्ट्रियों के संबंध में आ रही हैं। पिछले दिनों डेराबस्सी की एक फैक्ट्री के संबंध में सामने आया था कि वह अपने केमिकल वेस्ट को पाइप के जरिये जमीन के अंदर छोड़ देती है। इसके बाद राजनीतिक तौर पर भी यह मसला बना था, हालांकि फिर न जाने एकाएक यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मौजूदा सरकार बेहतर कार्य कर रही है, लेकिन यह भी जरूरी है कि पर्यावरण को बचाने के लिए प्रभावी तरीके से काम किया जाए।
 

जहरीली गैस कांड को लेकर स्वास्थ्य विभाग, पीपीसीबी और स्थानीय नगर निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं, जोकि लाजमी हैं। लुधियाना, जालंधर औद्योगिक शहर हैं, यहां हजारों की संख्या में फैक्ट्री हैं, हालांकि इस हादसे ने यह जाहिर कर दिया है कि इन विभागों की ओर से इसकी जांच-परख नहीं की जा रही है कि आखिर ये फैक्ट्रियां किस प्रकार से काम कर रही हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि इन इलाकों में पानी के सैंपल फेल हो रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने कोई कदम नहीं उठाए। आजकल पंजाब में कैंसर के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है, प्रदेश को पंचआब की संज्ञा मिली हुई है, लेकिन यहां का पानी बेहद दूषित हो चुका है। ऐसे में राज्य सरकार को जहां उद्योगों की गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है, वहीं प्राकृतिक संसाधनों को भी बचाना होगा।  

यह भी पढ़ें:

Editorial:पंजाब पुलिस बने उत्तरदायी, मान सरकार के प्रयास सराहनीय

यह भी पढ़ें:

Editorial:खिलाड़ियों को पूरा न्याय तब मिलेगा, जब सच साबित होगा