लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, आचार संहिता लागू होने के बाद भी बीजेपी अपने तानाशाही रवैये से बाज नहीं आ रही : आप

लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, आचार संहिता लागू होने के बाद भी बीजेपी अपने तानाशाही रवैये से बाज नहीं आ रही : आप

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024

आप ने अपने ही कार्यालय में प्रवेश करने से रोकने के लिए भाजपा को आड़े हाथों लिया

कंग ने सवाल किया कि यह कैसा लोकतंत्र है कि किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता अपने पार्टी कार्यालय में नहीं जा सकते?

कंग ने चुनाव आयोग से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की

नई दिल्ली/चंडीगढ़, 23 मार्चLok Sabha Election 2024: आम आदमी पार्टी(आप) ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उसके तानाशाही रवैये के लिए आड़े हाथों लिया है। पार्टी ने कहा कि लोकसभा चुनाव करीब हैं। आचार संहिता लग चुकी है, लेकिन मोदी सरकार की तानाशाही की हद देखिए, जो विपक्षी दलों को रोकने के लिए अब भी अपनी असंवैधानिक चालें नहीं छोड़ रही है।

चंडीगढ़ पार्टी कार्यालय से जारी एक बयान में आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का एक राष्ट्रीय पार्टी के नाते अपना कार्यालय है, लेकिन भाजपा सरकार किसी भी आप विधायक, नेता या कार्यकर्ता को अपने ही पार्टी कार्यालय में नहीं पहुंचने दे रही।  पिछले दो दिनों से आम आदमी पार्टी के लोगों को पार्टी कार्यालय के बाहर रोका जा रहा है और परेशान किया जा रहा है।

कंग ने सवाल किया कि यह कैसा लोकतंत्र है कि किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के कार्यालय में नहीं जा सकते? हम लोकसभा चुनाव के लिए अपना अभियान कैसे चलाएंगे? कंग ने चुनाव आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप करने और आम चुनाव के दौरान अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता कायम रखने की अपील की।

कंग ने आगे कहा कि पीएम मोदी देश के लोकतंत्र को नष्ट कर रहे हैं और देश को तानाशाही की ओर ले जा रहे हैं। विपक्षी दलों को कुचल रहे हैं। चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। विपक्षी दलों के लोगों को उनके राजनीतिक कार्यालयों में जाने से रोका जा रहा है और परेशान किया जा रहा है।

कंग ने कहा कि अब तो हद हो गई है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावों की घोषणा हो चुकी है लेकिन विपक्षी नेताओं को बिना सबूत के गिरफ्तार किया जा रहा है और पार्टियों को उनके ही कार्यालयों में जाने से रोका जा रहा है।  फिर विपक्षी दल को इन चुनावों के लिए कैसे प्रचार कैसे करेगा? इस मामले में चुनाव आयोग को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहिए।