नौ जिलों में रिजर्व प्राइस से 20 प्रतिशत अधिक दाम पर बेची शराब

नौ जिलों में रिजर्व प्राइस से 20 प्रतिशत अधिक दाम पर बेची शराब

नौ जिलों में रिजर्व प्राइस से 20 प्रतिशत अधिक दाम पर बेची शराब

नौ जिलों में रिजर्व प्राइस से 20 प्रतिशत अधिक दाम पर बेची शराब

हरियाणा में नए शराब ठेकों की बिक्री शुरू
प्रदेश में तीन जोन में बांटकर 24 मई तक होगी ठेकों की नीलामी 
इस बार 9200 करोड़ का राजस्व अर्जित होगा

चंडीगढ़। हरियाणा में इस बार शराब की बिक्री से करीब साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये का रिकार्ड राजस्व आने की उम्मीद है। आबकारी एवं कराधान विभाग ने नई आबकारी नीति लागू करते हुए ठेकों की आनलाइन बिक्री आरंभ कर दी है। पूरे प्रदेश को तीन जोन में बांटकर शराब की बिक्री आरंभ हुई है। पहले जोन में नौ जिले शामिल हैं, जिनके लिए बुधवार को आनलाइन शराब ठेकों की बिक्री की गई। 

शराब बिक्री के रिजर्व प्राइस से करीब 20 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 91 प्रतिशत ठेके बिक गये हैं, जबकि चार जिलों कुरुक्षेत्र, नूंह, नारनौल और पानीपत में सभी ठेकों की बिक्री हो चुकी है। आबकारी एवं कराधान मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इस बार शराब की तस्करी को रोकने के लिए लीकेज प्रूफ पालिसी तैयार की है। शराब से वैट व आबकारी शुल्क कम कर न केवल उसके रेट घटाये गये, बल्कि शराब की अवैध बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। 

साल 2020-21 में आबकारी विभाग को 6786 करोड़ रुपये का राजस्व शराब पालिसी से प्राप्त हुआ था। कोरोना काल के बावजूद साल 2021-22 में 16.97 प्रतिशत राजस्व की बढ़ोतरी के साथ यह 7936 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। साल 2022-23 में 9200 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य है, जो करीब 25 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज कर रहा है।

आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों ने पहले राउंड में नौ जिलों के 226 जोन के लिए शराब ठेकों की बिक्री है। इनमें 207 जोन के लिए 579 निविदाएं आई। रिजर्व प्राइस से करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 91 प्रतिशत जोन बिक चुके हैं। दूसरे राउंड में सात जिले रखे गये हैं, जिसमें 252 जोन शामिल हैं। उनकी बिक्री 19 व 20 मई को होगी। तीसरे राउंड में छह जिलों के 154 जोन बनाए गये हैं, जिनकी बिक्री 23 व 24 मई को होगी।
हरियाणा की साल 2022-23 की नई आबकारी नीति 12 जून 2022 से 11 जून 2023 तक लागू रहेगी। प्रदेश की नई आबकारी नीति में डिस्टलरीज पर ई-फ्लो मीटर लगाने, दूसरे राज्यों की शराब आवाजाही की कड़ी निगरानी करने, सीमाओं पर वाहनों के प्रवेश व निकासी का समय दर्ज करने के प्रविधान किये गये हैं। नई नीति में सरकार ने वाइन पर आयात व आबकारी शुल्क घटाया है।